New Delhi : बिहार में सरकार बनने पर वक्फ कानून हटाने के तेजस्वी के बयान की भाजपा ने की आलोचना

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नई दिल्ली : (New Delhi) भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव (Rashtriya Janata Dal leader Tejashwi Yadav) के उस बयान की आलोचना की है जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है तो वक्फ संशोधन अधिनियम (Waqf Amendment Act) को हटा दिया जाएगा। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी (BJP national spokesperson Dr. Sudhanshu Trivedi) ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तेजस्वी यादव अभी भी 50 साल पुरानी उस सोच में फंसे हैं, जहां संविधान को कूड़ेदान में फेंकने की बात होती थी। तेजस्वी को संसद और न्यायपालिका का सम्मान करना नहीं आता।

उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में हमने भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्याय- आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण किए, लेकिन बड़े दुख की बात है कि पटना के उसी गांधी मैदान में जहां आपातकाल के दौरान संविधान की रक्षा और संविधान के सम्मान के लिए जान की परवाह किए बिना लाखों लोग एकत्र हुए थे, वहां कल एक ऐसी रैली हुई, जिसमें तेजस्वी यादव ने ​कहा कि संसद के कानून को (Waqf Board Act) कूड़ेदान में फेंक देंगे। जबकि यह कानून दोनों सदनों से पारित है और कोर्ट में विचाराधीन है। इसका अर्थ ये हुआ कि न संसद का सम्मान न न्यायपालिका का सम्मान।

डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि वोट बैंक की चाहत में इंडी गठबंधन के सहयोगी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) द्वारा जो कुछ बोला गया है, उससे साफ है कि ये संविधान को कूड़ेदान में फेंकने की मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुरान में ‘वक्फ’ जैसा कोई शब्द नहीं है। यह मुल्लाओं और मौलवियों द्वारा बनाया गया शब्द है। इस्लाम आपको खर्च करना, देना सिखाता है, न कि रखना या जमा करना। और फिर भी, आप कहते हैं, संग्रह करना? यह बाबा साहब के संविधान का मज़ाक उड़ाने के अलावा और कुछ नहीं है। इसे धर्मनिरपेक्ष दस्तावेज़ से मौलवियों की स्क्रिप्ट में बदलने की कोशिश है।

भाजपा सांसद त्रिवेदी ने कहा कि इन समाजवादियों को अल्पसंख्यकों की भी परवाह नहीं है। मुल्ला-मौलवियों के सामने झुककर वे ‘समाजवाद’ को ‘नमाजवाद’ में बदलना (convert ‘socialism’ into ‘namazvad’) चाहते हैं। ये लोग पक्के नमाजवादी हैं।