- Will offer floral tributes to Indian soldiers who played an important role in the Korean War.
- The visit of the Chief of Army Staff will promote bilateral cooperation on strategic issues in defense cooperation.
नई दिल्ली : थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे सोमवार को कोरिया गणराज्य (ROK) की आधिकारिक यात्रा पर रवाना हुए। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा संबंधों को और मजबूत करना है। आज का यह दिन भारत-कोरिया संबंधों के इतिहास में इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि 73 साल पहले 20 नवंबर, 1950 को कोरियाई युद्ध के दौरान आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय सेना की 60 पैरा फील्ड एम्बुलेंस बुसान में उतरी थी।
सेनाध्यक्ष के यात्रा कार्यक्रम में आरओके के वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व के साथ बातचीत और रक्षा संरचनाओं और प्रतिष्ठानों का दौरा शामिल है। वह आरओके सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल पार्क एन-सु के साथ द्विपक्षीय बैठक करने के अलावा आरओके सशस्त्र बलों के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल किम सेउंग-क्यूम के साथ भी बातचीत करेंगे। इस वार्ता का उद्देश्य आपसी समझ को बढ़ावा देना, क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान करना और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करने में योगदान देना होगा।
जनरल मनोज पांडे राष्ट्रीय कब्रिस्तान और युद्ध स्मारक जाकर शहीद नायकों की याद में पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। वह कोरियाई युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भारतीय सैनिकों के सम्मान में युद्ध स्मारक का विशेष दौरा करेंगे। सीओएएस का रक्षा अधिग्रहण कार्यक्रम प्रशासन (डीएपीए), कोरियन आर्मी सेंटर फॉर फ्यूचर एंड इनोवेशन और डेजॉन में रक्षा विकास एजेंसी जैसे प्रतिष्ठानों का दौरा करने का कार्यक्रम है। वह आपसी हित के मुद्दों पर जानकारी हासिल करने के साथ ही ड्रोन कॉम्बैट यूनिट का भी दौरा करेंगे। इसके अलावा सीमा प्रबंधन और निगरानी सुविधा के दौरे की भी योजना बनाई गई है।
भारत और कोरिया गणराज्य 2023 में राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे होने का जश्न मनाएंगे। भारतीय थल सेनाध्यक्ष की यह यात्रा कोरिया के साथ विशेष रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में भारत और कोरिया गणराज्य के बीच स्थायी सौहार्द्र को प्रदर्शित करते हुए जनरल मनोज पांडे की यह यात्रा विशेष रूप से रक्षा सहयोग में कई रणनीतिक मुद्दों पर द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगी।