नई दिल्ली: (New Delhi) प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने के मामलों की सख्ती से रोकथाम के लिए शुक्रवार रात पेपर लीक कानून लागू कर दिया गया। यह कानून इसी साल फरवरी में पारित हुआ था, सरकार ने शुक्रवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। इसे ‘लोक परीक्षा कानून 2024’ (Public Examination Act 2024) नाम दिया गया है। इसके लागू से प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित साधनों के इस्तेमाल पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। संगठित रूप से इस तरह का अपराध करने पर एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
नीट पेपर लीक और यूजीसी-नेट परीक्षा कैंसिल होने को लेकर देशभर में हंगामा है। इस बीच सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पेपर लीक रोकने के लिए कड़े कानून को लागू कर दिया है। केंद्र सरकार ने ‘लोक परीक्षा कानून 2024’ अधिसूचित किया है। इस कानून का मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल को रोकना है। इसके तहत 15 गतिविधियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से किसी में भी शामिल होने पर जेल जाने या बैन होने या भारीभरकम जुर्माने की की सजा मिल सकती है।
पेपर लीक कानून के दायरे में वे सभी परीक्षाएं हैं जिन्हें सार्वजनिक परीक्षा निकाय आयोजित करते हैं या फिर ऐसे संस्थान आयोजित करते हैं जो केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त हैं। इसमें कई बड़ी परीक्षाएं शाामिल हैं। कानून के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, रेलवे की प्रतियोगी परीक्षा, बैंकिंग भर्ती परीक्षा और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की जाने वाली सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं शामिल हैं।