नई दिल्ली: (New Delhi) दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में गुरुवार को 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में आज सुनवाई के दौरान सफूरा जरगर और मीरान हैदर के वकील ने मामले की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह इसको लेकर आवेदन दाखिल करेंगे। इसके बाद उमर खालिद समेत दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान सफूरा जरगर की तरफ से कहा गया कि वो जानना चाहते हैं कि इस मामले में उनके खिलाफ पुलिस की जांच पूरी हो चुकी है या नहीं। अगर जांच पूरी नहीं हुई है तो कब तक पूरी हो जाएगी। साथ ही यह भी बताना चाहिए कि जांच अभी किस स्टेज में है। इसके अलावा पुलिस यह बताए कि उनके खिलाफ क्या-क्या आरोप लगाए गए हैं। अगर आगे चलकर जांच एजेंसी मामले में कोई सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करती है तो उसका असर केस और दलील पर भी पड़ेगा।
इससे पहले सुनवाई के दौरान 11 सितंबर को दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मामले में देवांगन कलीता और आसिफ इकबाल तान्हा आरोपित जमानत पर हैं, इसलिए जानबूझ कर मामले में देरी कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मामले में आज से ही ट्रायल शुरू होना चाहिए। इस मामले में चार आरोपितों को जमानत मिल चुकी है। कोर्ट ने 2 मार्च, 2021 को तीसरी पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि संज्ञान लेने के पहले ही चार्जशीट लीक हो जा रही है। कोर्ट ने कहा था कि मीडिया खबरों को कवर करने के लिए स्वतंत्र है लेकिन उन्हें अपने रुख को लेकर सावधान रहना चाहिए।
स्पेशल सेल ने 24 फरवरी, 2021 को तीसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें फोरेंसिक साक्ष्यों और दूसरे तकनीकी परीक्षणों को आधार बनाया गया है। चार्जशीट में बताया गया है कि दंगों के लिए कैसे साजिश रची गई। दंगों की साजिश रचने वालों ने एक साजिश के तहत दंगों के दौरान कई इलाकों के सीसीटीवी कैमरे तोड़े थे। सीसीटीवी तोड़ने वालों की पहचान की गई है।