घटना के समय मौके पर नहीं थे, लेकिन कारण बताने पर न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए किया दोषमुक्त
नैनीताल: (Nainital) न्यायिक मजिस्ट्रेट-प्रथम अपर सिविल रुचिका गोयल की अदालत ने कोरोना काल में एक क्वारन्टीन सेंटर में परिवार सहित रह रही एक बालिका की सांप के काटने से हुई मौत के मामले में आरोपित क्वारन्टीन केंद्र की व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार बनाए गए एक शिक्षक और एक ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त घोषित कर दिया है।
मामले में दर्ज हुई तहरीर के अनुसार मई 2020 में नैनीताल जनपद के विकासखंड बेतालघाट के राजकीय प्राथमिक विद्यालय तल्ली सेठी स्थित क्वारंटीन सेंटर में दिल्ली से आया एक परिवार रह रहा था। 25 मई 2020 को इस परिवार की एक बच्ची की इस क्वारंटीन सेंटर में सांप के काटने से मृत्यु हो गई। जनपद के मुख्य विकास अधिकारी की ओर से इस सहित विकासखंड बेतालघाट के क्वारंटीन सेंटरों पर आवश्यक व्यवस्थाएं व अनुश्रवण करने की जिम्मेदारी तल्ली सेठी के सहायक अध्यापक करन सिंह निवासी ग्राम बसई काशीपुर जिला ऊधमसिंह नगर को तथा ग्राम प्रधानों का सहयोग करने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अधिकारी-कांडा उमेश जोशी निवासी ग्राम धनखुला रामनगर जिला नैनीताल को दी गई थी।
इस घटना के घटित होने पर दोनों मौके पर नहीं मिले एवं पाया गया कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह नहीं किया। इसलिए उनके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 304 ए यानी गैर इरादतन हत्या तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 56 के तहत अभियोग दर्ज हुआ। मामले में बचाव पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता पंकज कुलौरा ने न्यायालय को आरोपितों एवं गवाहों के जरिए बताया कि घटना के दौरान शिक्षक करन सिंह बीमार थे और उन्होंने विभाग को सूचना देकर मेडिकल लगाया था, जबकि उमेश जोशी के पास ग्राम सभा कांडा का भी प्रभार था और वह वहां थे। गवाहों के बयानों एवं ठोस पैरवी के आधार पर न्यायालय ने दोनों आरोपितों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दे दिया है।