संघ प्रमुख भागवत, केंद्रीय मंत्री गडकरी समेत तमाम नेताओं ने जताया शोक
नागपुर : (Nagpur) राष्ट्र सेविका समिति की चतुर्थ प्रमुख संचालिका प्रमिला ताई मेढ़े (Fourth chief director of Rashtriya Sevika Samiti Pramilatai Medhe) का गुरुवार को निधन हो गया। वे 97 वर्ष की थीं। उन्होंने यहां के देवी अहिल्या मंदिर (Devi Ahilya temple) में सुबह 9 बजकर 5 मिनट पर अंतिम श्वांस ली। वे पिछले 3 महीने से उम्रजनित समस्याओं से पीड़ित थीं।
राष्ट्र सेविका समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए यहां के धंतोली स्थित देवी अहिल्या मंदिर में रखा गया है। वर्ष 1965 से देवी अहिल्या मंदिर ही उनका केंद्र था। उनकी इच्छानुसार उनकी पार्थिव देह को नागपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) (AIIMS) को शुक्रवार सुबह 8 बजे सौंप दिया जाएगा।
प्रमिला ताई के निधन की जानकारी मिलते ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत (RSS chief Dr. Mohan Bhagwat) ने देवी अहल्या मंदिर कार्यालय पहुंच कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari, Union Agriculture and Farmers Welfare Minister Shivraj Singh Chauhan) समेत तमाम नेताओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
प्रमिला मेढे़ का जन्म 8 जून 1929 को महाराष्ट्र के नंदुरबार (Nandurbar, Maharashtra) में हुआ। उस जमाने में बीए, बीटी तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद नागपुर स्थित सीपी एंड बेरार विद्यालय में उन्होंने अध्यापन का कार्य किया। इसके बाद वह डीएजीपीटी कार्यालय में बतौर सिनियर ऑडिटर के रूप मे काम करने लगीं। बाल्यकाल से राष्ट्र सेविका समिति (Rashtriya Sevika Samiti) से जुड़ी रहीं प्रमिला ताई ने अपने आप को समिति के कार्य में झोंकने का फैसला किया। उन्होंने नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली।
मौसी केलकर के साथ प्रमिला ताई ने पूरे भारत का भ्रमण किया था। राष्ट्र सेविका समिति में उन्हें 1978 से 2003 तक प्रमुख कार्यवाहिका का दायित्व मिला था। इसके बाद फरवरी 2003 में वह सह-प्रमुख संचालिका और 2006 मे बतौर प्रमुख संचालिका चुनी गईं। उन्होंने 2006 से 2012 तक प्रमुख संचालिका की जिम्मेदारी का निर्वहन किया। इसके बाद 20 जुलाई 2012 को उन्होंने शांताक्का जी (Shantakka ji) को पदभार सौंपा। प्रमिला ताई ने राष्ट्र सेविका समिति के कार्य के लिए इंग्लंड, अमेरिका, कनाडा, श्रीलंका आदि देशों में प्रवास किया था। अमेरिका प्रवास के दौरान न्यू जर्सी सिटी के महापौर ने उन्हें मानद नागरिकता प्रदान की थी। मुंबई के एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय (SNDT Women’s University, Mumbai) द्वारा प्रमिला ताई को डी.लिट की उपाधि से सम्मानित किया गया था। बहरहाल स्वर्गीय प्रमिला ताई कि इच्छा के अनुसार शुक्रवार 1 अगस्त कि सुबह 8 बजे उनका पार्थिव एम्स हॉस्पिटल को सौपा जाएगा।
केंद्रीय मंत्री गडकरी (Union Minister Gadkari) ने एक्स पोस्ट में कहा कि प्रमिल मौसी के निधन का समाचार सुनकर बहुत दुखी हूं। उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भारत में समिति के कार्य को आगे बढ़ाने में उनका बड़ा योगदान रहा। उनका जीवन राष्ट्रभक्ति और मातृशक्ति जागरण को समर्पित रहा। उन्होंने नौकरी और अध्यापन करते हुए समिति में शाखा, नगर, विभाग और प्रांत स्तर पर दायित्व निभाए। प्रमुख कार्यवाहिका के रूप में देश-विदेश में प्रवास किया। उन्होंने स्वयंसेविकाओं से संवाद कर उनकी समस्याओं को सुलझाया। गडकरी ने उन्हें मातृतुल्य बताते हुए कहा कि हम सभी ने एक मातृतुल्य व्यक्तित्व को खो दिया है। यह सामाजिक क्षेत्र और स्वयंसेवकों के लिए अपूरणीय क्षति है।
शिवराज सिंह (Shivraj Singh) ने कहा कि प्रमिला मौसी के निधन का समाचार सुनकर उनका हृदय अत्यंत व्यथित है। मौसी ने अपने वात्सल्य से करोड़ों बहनों को देश और धर्म से जोड़ा। उनके निर्मल अंतःकरण और तपस्या से राष्ट्रभक्ति की ज्योति जगी। वे कहती थीं कि स्त्री शक्ति ही राष्ट्र की आधार शक्ति है। उन्होंने हर क्षण को इस विचार के अनुसार जिया। वे उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा (Bihar Deputy Chief Minister Vijay Kumar Sinha) ने कहा कि प्रमिला ताई के देवलोकगमन से संघ परिवार ने एक मातृतुल्य प्रेरणा को खो दिया। उनका जीवन राष्ट्रभक्ति और सनातन मूल्यों को समर्पित था। मध्य प्रदेश के खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा ने कहा कि प्रमिला ताई के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। उनका जीवन मां भारती की सेवा को समर्पित रहा है।