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Mumbai : रामजी की रोटी
डाकिए हैं हम

अरुण लाल

उनके चहेरे पर तेज और मुख पर मासूम मुस्कान है, वे कहतीं हैं, बेटा हम तो माध्यम मात्र हैं, हम भगवान के वे बच्चे हैं, जिनसे भगवान को ज्यादा उम्मीद होती है। भगवान चाहते हैं कि यह बच्चा लोगों की मदद करे। किसी को यह गुमान नहीं होना चाहिए कि वे 300 लोगों को भोजन करा रहे हैं, भोजन तो राम जी करा रहे हैं, हम तो माध्यम भर हैं। प्रेम करो बच्चा, राम जी भला करेंगे।

मुंबई : आज हम आपको मिला रहे हैं मुलुंड वेस्ट रेलवे स्टेशन के पास रहने वाली चन्द्रिका जी से जिन्होंने रोज राम जी के निर्देश पर लगभग 300 लोगों को भोजन कराने का बीड़ा उठाया है। वे कहतीं हैं कि भगवान अपने बच्चों में कुछ लोगों को चुनते हैं और उनसे अपना काम करा लेते हैं। चन्द्रिका जी के बेटे धीरज महाराज जो पूजा-पाठ कराते हैं, बताते हैं कि हमारा जीवन सामान्य चल रहा था, पर जुलाई 2022 में मां को कैंसर हुआ। ऐसे में हमारा जीवन ही बदल गया। हमें समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें। आप जानते हैं कि कैंसर का नाम आते ही पूरा परिवार भयभीत हो जाता है। हम भी इसी दशा में जी रहे थे। मां ने अस्पताल के बाहर भूखे लोगों को देख कर कहा कि मेरी इच्छा है कि इन्हें भोजन कराएं। हमने घर पर भोजन बना कर 15 से 20 लोगों को भोजन करना शुरू किया। पर 3 से चार दिन बाद ही यह संख्या 50 से ज्यादा हो गई। तभी कुछ लोग सामने आएं और कहा कि हम भी इस पुनीत कार्य से जुड़ना चाहते हैं। रामजी की रोटी ग्रुप का गठन हुआ और अभी इस ग्रुप में 87 लोग जुड़े हुए हैं, जिनकी मदद से रोज 300 लोगों के पेट भरने की व्यवस्था होती है। लोग बड़े सलीके से आते हैं, लाइन में लगकर भोजन लेते हैं और राम का नाम लेते हुए निकल पड़ते हैं। इस काम में मुख्य रूप से सहयोग देने के लिए मुकेश प्रताप, टोडाई (ठक्कर), रूपेश पलन (ठक्कर), उमेश मानेक, हीना बेन पटेल, प्रीति टोडाई (ठक्कर), उर्वी पालन, प्रभा बेन वडोर, जिग्ना ठक्कर, मेघल उधवानी जैसे रामभक्ति में लीन लोग तैयार रहते हैं।

आर्शीवाद से ठीक हुई मैं

चन्द्रिका जी बतातीं हैं कि एक दिन की बात है, मेरा बेटा रात में मुझे गाड़ी पर बैठाकर अस्पताल ले जा रहा था, तभी एक बाबा ने मुझे आर्शीवाद दिया, तू जल्द ही ठीक हो जाएगी। इसके बाद सड़क पर बैठे बहुत से लोगों ने एक साथ आशीर्वाद देना शुरू किया आप जल्द ठीक हो जाओगी। ये लोग मुझे नहीं जानते थे, पर मेरा बेटा इन्हें रोज खाना खिलाता था, उन्होंने मुझे आत्मा से आशीर्वाद दिया। उनकी आखों में जो मुझे दिखा, मैं उसे बयान नहीं कर सकती। उस दिन के बाद मैं ऊर्जा से भरी हुई हूं। रोज सुबह 8 बजे आ जाती हूं, यहां अपनी बहनों के साथ लोगों का भोजन तैयार करती हूं और फिर 2 से 3 बजे घर वापस जाती हूं। मैं अब एकदम ठीक हूं। 3 महीने में ही मेरा कैंसर समाप्त हो गया।

रोज लगभग खर्च होते हैं 4 हजार रुपए

धीरज महाराज कहते हैं कि हम राम जी की रसोई में 300 लोगों का भोजन बनाते हैं। जिसके लिए ग्रुप के लोग व महाराज जी मिलकर भोजन तैयार करते हैं। इसके लिए रोज 4 हजार खर्च आता है। बहुत सारे लोग अपना जन्मदिन मनाने के लिए यहां आते हैं और राम जी की रसोई में अन्नदान देते हैं। बाकी हमारे ग्रुप से पैसे निकाल कर हम भोजन की व्यवस्था कर देते हैं। मेरे लिए मां से बड़ा कोई नहीं है और मां कहतीं हैं कि किसी को भोजन कराने से बड़ा कोई कार्य नहीं, सो मैं और मेरे साथी इस कार्य में जुटे हुए हैं। हमारे ग्रुप का कोई मुखिया नहीं, सब मुखिया हैं।

7 गायों की सेवा का लिया संकल्प
राम की रोटी ग्रुप के सदस्यों ने मिलकर 7 गायों की सेवा के संकल्प भी लिया है। ये वे बीमार गायें हैं, जो दूध नहीं देतीं और जिन्हें कोई सहारा नहीं देता। इन गायों का इलाज कराया जा रहा है।

रामजी की रोटी
ग्राउंड फ्लोर, विश्व मोहिनी बिल्डिंग,
अपोजिट: इंडसइड बैंक, नेताजी सुभाष रोड, नियर मुलुंड स्टेशन,
मुलुंड (वेस्ट)
मुंबई 400 080.
संपर्क क्र. : 9833027527
9819192900

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