मुंबई : (Mumbai) महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Navnirman Sena) (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शनिवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे (NCP president Sharad Pawar and Shiv Sena UBT president Uddhav Thackeray) पर सनसनीखेज आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मनोज जारांगे के मराठा आरक्षण के पीछे यही दोनों नेता हैं। इसके साथ ही उन्होंने शुक्रवार को बीड़ जिले में उनके काफिले को रोककर सुपारी फेंकने के लिए भी इन दोनों नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। राज ठाकरे ने इन दोनों नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि दोनों उनके रास्ते में न आएं वर्ना परिणाम गंभीर होंगे।
राज ठाकरे शनिवार को छत्रपति संभाजीनगर में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। राज ठाकरे ने आज फिर दोहराया कि महाराष्ट्र में इतने साधन उपलब्ध हैं कि आरक्षण की जरूरत ही नहीं है। साधनों का सही तरीके से उपयोग नहीं करने के कारण राज्य के युवाओं को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। राज ठाकरे ने कहा कि फिर भी अगर आरक्षण देना ही है तो आर्थिक आधार पर दिया जाना चाहिए। राज ठाकरे ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया था, इसलिए आज फिर अपनी भूमिका दोहरा रहे हैं। राज ठाकरे ने कहा कि मराठा आरक्षण की बात सभी दलों के नेता अगर कर रहे हैं तो फिर आरक्षण क्यों नहीं दे रहे हैं। यह तकनीकी मुद्दा है, जो लोकसभा में ही संभव है। शाहबानो मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को लोकसभा ने ही बदला था। शरद पवार इस बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात क्यों नहीं करते? इसी तरह उद्धव ठाकरे भाजपा के साथ पांच साल सरकार में थे, फिर मराठा आरक्षण क्यों नहीं दिया। मराठा समाज के पहले आंदोलन में भाजपा कार्यकर्ता भी थे, फिर भाजपा आरक्षण क्यों नहीं देती? राज ठाकरे ने कहा कि मनोज जारांगे के आरक्षण आंदोलन के पीछे शरद पवार और उद्धव ठाकरे हैं। ये लोग सिर्फ विधानसभा चुनाव में वोट के लिए यह सब कर रहे हैं जबकि इससे जातियों के बीच दूराव बढ़ रहा है। महाराष्ट्र में इस तरह की स्थिति पहले कभी नहीं थी।
राज ठाकरे ने कहा कि बीड़ में कल जो कुछ हुआ, उनमें शिवसेना यूबीटी का जिलाध्यक्ष भी था। राज ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की राजनीति अगर बंद नहीं हुई तो उनके कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव में इन दोनों की सभा तक होने नहीं देंगे।