मुंबई/नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने वृद्धिशील नकद आरक्षित अनुपात (आई-सीआरआर) को वापस लेने का फैसला किया है। इसे दो हजार रुपये मूल्य के नोट चलन से हटाने की घोषणा के बाद अतिरिक्त नकदी में कटौती के लिए लागू किया गया था।
आरबीआई ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि आई-सीआरआर को चरणबद्ध ढंग से वापस लिए जाने की शुरुआत शनिवार से हो जाएगी। रिजर्व बैंक ने बताया कि समीक्षा के बाद आई-सीआरआर को चरणबद्ध तरीके से वापस लेने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले के पीछे की वजह यह रही कि प्रणाली को अचानक नकदी के झटके का सामना न करना पड़े और मुद्रा बाजार व्यवस्थित ढंग से कार्य कर सके।
रिजर्व बैंक के मुताबिक बैंकों के पास रखी गई आई-सीआरआर की 25 फीसदी राशि नौ सितंबर को और 25 फीसदी राशि 23 सितंबर को जारी की जाएगी। बाकी 50 फीसदी राशि 7 अक्टूबर को जारी की जाएगी। गौरतलब है कि आरबीआई ने बैंकों को जारी निर्देश में 19 मई और 28 जुलाई के बीच 10 फीसदी आई-सीआरआर को बनाए रखने को कहा था। इसका मकसद बैंकिंग प्रणाली में दो हजार रुपये के नोटों की वापसी समेत विभिन्न कारकों से पैदा हुई अतिरिक्त नकदी को अवशोषित करना था।