मुंबई : मराठा समाज की ओर से लोकसभा चुनाव में हर सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतारने का महत्वपूर्ण निर्णय रविवार को जालना जिले में आयोजित बैठक में लिया गया है।
बैठक खत्म होने के बाद मराठा नेता मनोज जारांगे ने पत्रकारों को बताया कि इसके पहले मराठा समाज ने महाराष्ट्र की हर संसदीय सीट पर हजारों की संख्या में उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया था। इसी संबंध में मराठा समाज के आला नेताओं ने जालना जिले के अंतरवाली सराटी में बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक में तय किया गया कि हर संसदीय सीट पर हजारों की संख्या में उम्मीदवार उतारने की बजाय सूबे ही हर संसदीय सीट पर मराठा समाज का एक ही निर्दलीय उम्मीदवार उतारा जाए। बैठक में तय किया गया है कि मराठा समाज किसी भी राजनीतिक दल के प्रचार में शामिल नहीं होगा। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि मराठा आरक्षण का मुद्दा लोकसभा का नहीं है। यह विषय विधानसभा से संबंधित है, इसका कारण मराठा और कुनबी एक हैं। इस संबंध में निर्णय लेने का अधिकार राज्य सरकार को है। राज्य सरकार ने तहसील स्तर पर समितियों का गठन किया लेकिन इन समितियों पर कोई नियंत्रण नहीं है। समिति गठित करते समय मराठों को विश्वास में नहीं लिया गया। मराठा युवकों पर आंदोलन के दौरान दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए। इसके विपरीत गांवों में गरीब समुदाय के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए, इसलिए मराठा समाज इस चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारकर मराठा समाज की ताकत दिखाएगा।