मुंबई : महाराष्ट्र में काम हो रही बारिश ने राज्य सरकार को भी सकते में ला दिया है। राज्य में हर जगह बारिश की बेरुखी देखी जा रही है और इसकी गंभीरता को समझते हुए संभावित स्थिति से निपटने के उपाय करने के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित एजेसियों को पानी की योजना बनाने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार बांध में जल भंडारण को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन को संयमित ढंग से पानी की योजना बनानी चाहिए। उन्होंने पशुओं को चारा उपलब्ध कराने के लिए जिला योजना व विकास समिति के माध्यम से धनराशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।इस मौके पर घास को बिना नीलाम किए रिजर्व में रखने तथा उसका भूसा बनाने के भी निर्देश वन विभाग को दिए गए। राज्य में वर्षा व जल नियोजन को लेकर सह्याद्रि गेस्ट हाउस में बैठक हुई।
राज्य में 25 से 50 प्रतिशत औसत वर्षा होने वाली तहसीलों की संख्या 15 है, 50 से 75 प्रतिशत वर्षा होने वाली तहसीलों की संख्या 108 है, जबकि 75 से 100 प्रतिशत बारिश होने वाली तहसीलों की संख्या 138 है और 94 तहसीलों में 100 प्रतिशत से अधिक वर्षा हुई है। खरीफ 2023 में अब तक 138.4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई हो चुकी है। सबसे ज्यादा बुआई पांच जिलों यवतमाल, जलगांव, बीड, नांदेड़, बुलढाणा में हुई है। इस मौसम में सबसे ज्यादा सोयाबीन और कपास की फसल की बुआई हुई है। वर्तमान में राज्य के 350 गांवों, 1319 बस्तियों में 369 टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जा रही है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री गुलाबराव पाटिल, राहत व पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल समेत विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव उपस्थित थे। वहीं प्रदेश भर के विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में हिस्सा लिया।