MUMBAI : सीमावर्ती क्षेत्रों के विभिन्न मुद्दों की मांग को लेकर महाविकास अघाड़ी का भव्य मार्च

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17 तारीख को मुंबई के जीजामाता उद्यान से आजाद मैदान तक भव्य मार्च

मुंबई : संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज, क्रांतिसूर्य महात्मा ज्योतिबा फुले, क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले जैसे महापुरुषों का लगातार तिरस्कार, इतिहास में पहली बार सीमावर्ती गांवों से महाराष्ट्र से बाहर जाने की मांग, इससे होने वाले नुकसान राज्य से बाहर बड़ी परियोजनाओं को चलाना, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, संकटग्रस्त किसानों को राहत देने में विफलता, राज्य में मौजूदा शिंदे-फडणवीस सरकार कई मोर्चों पर बुरी तरह विफल रही है। महाराष्ट्र के गौरव, स्वाभिमान और हितों की इस सरकार द्वारा रक्षा नहीं की गई है। इस सरकार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के ‘अरे’ को ‘कर’ कहने की धमकी नहीं है। ऐसी गुमराह सरकार के खिलाफ महाविकास अघाड़ी और महाराष्ट्रप्रेमी नागरिकों की ओर से 17 तारीख को मुंबई के जीजामाता उद्यान से आजाद मैदान तक भव्य मार्च निकाला जाएगा। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने महाराष्ट्र के सभी गौरवशाली नागरिकों से इस मार्च में भाग लेने की अपील की है।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी मजबूत
पूर्व मुख्यमंत्री, शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी मजबूत है और गठबंधन के प्रमुख नेताओं की बैठक आज अजित पवार के सरकारी आवास ‘देवगिरी’ में हुई। इस मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अजीत पवार ने राज्य में मौजूदा शिंदे-फडणवीस सरकार की नाकामी पर जोरदार हमला बोला। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि राज्य के सीमावर्ती इलाकों के गांव महाराष्ट्र से बाहर जाने की मांग करें। हमें पता लगाना चाहिए कि इसके पीछे कौन है। इससे पहले कभी भी संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों ने महापुरुषों का अनादर करने का साहस नहीं किया था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इससे पहले इतने हताश कभी नहीं दिखे। यह एक तथ्य है कि राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय और मीडिया में घोषणा के बावजूद राज्य के दो मंत्री मराठी भाषी बेलगाम नहीं जा सके। अजीत पवार ने यह भी कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि कैसे महाराष्ट्र के मंत्रियों को बेलगाम में बैन किया जा सकता है और महाराष्ट्र सरकार इसे कैसे बर्दाश्त करती है।