
दोपहर संवाददाता
मुंबई: (Mumbai) मुंबई और नवी मुंबई में बिगड़ती हवा के कारण यहां अस्थमा, खांसी, जुकाम और त्वचा रोगों के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ दिनों से मुंबई में वायु गुणवत्ता की स्थिति ‘सामान्य’ थी। लेकिन बुधवार को हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ हो गई। इस प्रदूषित हवा के कारण अस्थमा, खांसी, जुकाम और चर्म रोग के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। मुंबई में पिछले कुछ दिनों से हवा की गुणवत्ता ‘सामान्य’ थी। लेकिन बुधवार शाम को हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ बताई गई। तो, नवी मुंबई में हवा ‘बहुत खराब’ के रूप में रिपोर्ट किया गया। नतीजतन, नागरिकों को अब अस्पताल के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। ‘वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान की प्रणाली और’ रिसर्च’ (सफर) इस वेबसाइट पर बुधवार की रिपोर्ट के मुताबिक हवा में महीन धूल (पार्टिकुलेट मैटर) की मात्रा में इजाफा हुआ है। मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक का औसत 245, जबकि नवी मुंबई का औसत 336 रहा। राष्ट्रीय वायुमंडलीय गैस गुणवत्ता मानकों के अनुसार, मुंबई में हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ और नवी मुंबई में ‘बहुत खराब’ बताई गई।
लगातार खांसी, बुखार, तेजी से सांस लेना, फेफड़ों की बीमारी, सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा, तपेदिक जैसे रोग बढ़ रहे हैं। फिलहाल अस्पताल में मरीजों की संख्या में करीब 20 से 25 फीसदी का इजाफा हुआ है। वाहनों से निकलने वाले धुएँ और निर्माण स्थलों पर उत्पन्न धूल के कारण भी नागरिक विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं।
-डॉ.रोहित हेगडे ( श्वसन विशेषज्ञ जे जे अस्पताल )।