मुंबई : बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक ऐसे बर्खास्त जज को राहत देने से इनकार कर दिया है, जो शराब पीकर कोर्ट आते थे और समय का ध्यान नहीं रखते थे। हाई कोर्ट ने बर्खास्त पूर्व न्यायाधीश अनिरुद्ध पाठक को फटकार लगाते हुए उनकी याचिका खारिज कर दिया है।
दरअसल, अनिरुद्ध पाठक को 2010 में शराब पीकर कोर्ट में आने और ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोपों की वजह से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। उस समय पाठक नंदूरबार में सिविल जूनियर जज पद पर कार्यरत थे। अनिरुद्ध पाठक ने सेवा बर्खास्तगी को हाई कोर्ट में चुनौती देकर याचिका दाखिल की थी। इस याचिका की सुनवाई गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश एस चांदुरकर और न्यायाधीश जितेंद्र जैन की खंडपीठ के समक्ष हुई।
मामले की सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों की छवि महत्वपूर्ण है, क्योंकि लोग उन पर ध्यान देते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि एक न्यायिक अधिकारी के लिए इस तरह का व्यवहार करना उचित नहीं है। इससे न्यायपालिका की छवि खराब होती है। न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों को सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वे ऐसा कुछ भी न करें, जिससे कोर्ट की छवि खराब हो। कोर्ट ने अनिरुद्ध पाठक को राहत देने से इनकार कर दिया है।