पंजाब के मुख्यमंत्री भी थे मौजूद
मुंबई: (Mumbai) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार से गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मुंबई में मुलाकात की। इन नेताओं के बीच प्रशासकीय अधिकारी बदली अध्यादेश सहित देश की वर्तमान राजनीतिक हालत पर भी चर्चा हुई। इसके बाद तीनों नेताओं ने संयुक्त पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। शरद पवार ने कहा कि राष्ट्रहित के मुद्दों पर हमारा प्राधान्य रहेगा। अगर संसद में प्रशासकीय अधिकारी बदली अध्यादेश आता है तो उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी और अरविंद केजरीवाल को समर्थन देगी।
शरद पवार ने कहा कि इस समय देश में स्थिति बहुत ही विकट है। केंद्र सरकार हर जगह हस्तक्षेप कर रही है। देश में लोकशाही पर आघात हो रहा है। लोगों के मताधिकार को अबाधित बनाए रखना आवश्यक हो गया है। दिल्ली में जो हो रहा है, यह केवल दिल्ली की समस्या नहीं बल्कि पूरे देश की है, इसलिए वे विपक्ष को एकजुट रखने का प्रयास कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में उनकी सरकार आने के बाद ही उनके अधिकार केंद्र सरकार ने छीन लिया था। इसके बाद वे कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। आठ साल बाद सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने 11 मई को एकमत से उनके पक्ष में निर्णय दिया लेकिन केंद्र ने 19 मई को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को न मानते हुए अधिसूचना जारी कर फिर से चुनी हुई सरकार के प्रशासकीय अधिकारियों की बदली का अधिकार छीन लिया। केंद्र सरकार अब संसद में प्रशासकीय अधिकारियों की बदली संबंधित अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। इसी सिलसिले में आज शरद पवार से मिले और शरद पवार ने उन्हें समर्थन देने का आश्वासन दिया है। केजरीवाल ने कहा कि जहां भाजपा की सरकार नहीं बन रही है, केंद्र सरकार वहां की सरकार को चलने नहीं दे रही है। विधायकों की खरीद फरोख्त, विधायकों को ईडी, सीबीआई के माध्यम से तोड़फोड़ से सरकार गिरा दी जाती है। इसका महाराष्ट्र का उदाहरण ताजा है। अगर किसी भी तरह सरकार नहीं गिरी तो केंद्र सरकार काम नहीं करने देती है। केजरीवाल ने कहा कि यह देशहित में नहीं है। इसीलिए वे सभी विपक्षी पार्टियों से मिल रहे हैं। इसी संदर्भ में कल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से भी समय लेकर मुलाकात करेंगे।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार गैर भाजपा सरकारों को परेशान कर रही है। राजभवन का उपयोग भाजपा कार्यालय की तरह किया जा रहा है। उन्हें तो राज्यपाल बजट सत्र आयोजित करने की अनुमति तक नहीं दे रहे थे। इस तरह की ज्यादती देशहित के लिए घातक है।