Lucknow : राज्य के दस शहरी निकायों में बनेगा व्यवस्थित नक्शा

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राजस्व काे सुधारने के लिए चलाया जा रहा नक्शा कार्यक्रम
यूपी में शहरी क्षेत्र बढ़ा, लेकिन नक्शा विकसित नहीं: मनाेज जाेशी
लखनऊ : (Lucknow)
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी (Secretary of Land Resources Department of Union Rural Development Ministry Manoj Joshi) ने कहा कि उत्तर प्रदेश में शहरी क्षेत्रों के नक्शे पुराने हैं। शहर बढ़े हैं, लेकिन नक्शा वैसा विकसित नहीं किया जा सका है। पहले के नक्शों को टैक्स के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसे दुरूस्त करने के लिए नक्शा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश में दस शहरी स्थानीय निकायों का चयन किया गया है। जहां भूमि विवाद को समाप्त किया जाएगा।

केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी साेमवार काे यहां राजस्व ​परिषद के आम्बेडकर सभागार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्हाेंने बताया कि नक्शा कार्यक्रम के लिए उत्तर प्रदेश को 192 करोड़ का मानदेय केन्द्र सरकार दे रही है। वहीं केन्द्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को दस हजार करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। उत्तर प्रदेश में राजस्व विभाग (Revenue Department in Uttar Pradesh) जो अच्छे कार्य करेंगे, उसे दूसरे राज्यों में दिखाने के लिए भेजा जाएगा। वहां की अच्छी चीजें उत्तर प्रदेश में लाएंगे। उन्हाेंने कहा कि राजस्व एक महत्वपूर्ण विषय है। दो तिहाई विवाद लैंड से जुड़े होते हैं। राजस्व का सिस्टम ठीक हो तो ये विवाद सुलझाए जा सकते हैं। राजस्व परिषद को तकनीकी रूप से मजबूत किया जा रहा है। जिससे व्यक्ति की केवाईसी और भूमि डिटेल ठीक से देखा जा सके। यह हमारी प्राथमिकता है। उत्तर प्रदेश में 90 प्रतिशत अंश का कार्य हुआ है।

सचिव जोशी ने बताया कि केन्द्र सरकार के कार्यक्रम डिजिटल इण्डिया लैण्ड रिकार्ड माडर्नाइजेशन प्रोगाम (Central Government’s program Digital India Land Record Modernization Program) एवं शहरी क्षेत्रों के लैण्ड रिकार्ड तैयार करने संबं​धी नक्शा कार्यक्रम की समीक्षा राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश में की गयी। उप्र राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने लैण्ड रिकार्ड माडर्नाइजेशन प्रोगाम के अंतर्गत प्रदेश में किये गये कार्यो, नवाचारों, बेस्ट प्रैक्टिसेज व भविष्य की कार्ययोजनाओं के संबंध में विस्तार से अगवत कराया गया।

सचिव जोशी ने नक्शा कार्यक्रम के तहत प्रदेश के चयनित शहरी निकायों के संबंध में बताया कि प्रदेश दस शहरी निकायों में अम्बेडकरनगर का टांडा, बाराबंकी का नवाबगंज, बुलदंशहर का अनूपशहर, चित्रकूट का चित्रकूटधाम, गोरखपुर, हरदोई, झांसी, मिर्जापुर का चुनार, पीलीभीत का पूरनपुर एवं शाहजहांपुर का तिलहर चयनित किया गया है। यहां बहुत जल्द ही भूमि विवादों को सुलझाने के लिए नक्शा कार्यक्रम के तहत ड्रोन की मदद से व्यवस्थित नक्शा तैयार कर लिया जाएगा।

भूमि संसाधन विभाग सचिव ने बताया कि वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में 22.27 प्रतिशत जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास करती है। जिसके संबंध में अनुमान है कि वर्ष 2031 तक प्रदेश की लगभग चालीस प्रतिशत जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास करेगी। इसके दृष्टिगत सटीक और सुलभ शहरी भूमि रिकार्ड की जरूरत पहले कभी इतनी महत्वपूर्ण नहीं थी। अब ऐसी जरूरत बहुत है। इस दौरान ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग के संयुक्त सचिव कुणाल सत्याथी, उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग के अध्यक्ष अनिल कुमार, प्रमुख सचिव राजस्व सहित तमाम अधिकारीगण उपस्थित रहें।