लखनऊ:(Lucknow) समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता व सपा सरकार में मंत्री रहे नारद राय के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई है। अगर नारद राय सपा छोड़कर भाजपा में शामिल होते हैं तो यह सपा के लिए पूर्वांचल में बड़ा झटका साबित हो सकता है। पूर्वांचल के कई जिलों में भूमिहार समाज की अच्छी संख्या है। इसलिए अगर नारद राय सपा छोड़ते हैं तो इसका फायदा भाजपा को लोकसभा चुनाव में अवश्य मिलेगा।
चर्चा है कि रविवार को बलिया की जनसभा में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंच से उनका नाम नहीं लिया। इससे आहत नारद राय भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का ऐलान कर सकते हैं। नारद राय का कहना है कि एक साजिश के तहत उनका नाम सूची से हटाया गया।
नारद ने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि जनेश्वर जी, नेता जी के आदेश पर सपा को खून पसीने से सींचा,परिवार छोड़ पार्टी हित सर्वोपरि समझा! आज, बूथ हारने वाले नए—नए नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष को मंच पर को ज्ञान दे रहे थे! राजनारायण जी का वंशज हूँ, अपमान ना सहा है, ना सहूंगा! समाज के लिए कुछ भी करूँगा! नेता जी को सदा नमन। नारद राय ने सोमवार को अपने कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। जानकारी के अनुसार नारद राय 29 मई को अमित शाह के समक्ष भाजपा में शामिल हो सकते हैं।