कोलकाता : (Kolkata) शहर के दो प्रमुख सामाजिक संगठनों—कंसर्न फॉर कलकत्ता और कलकत्ता सिटिजन्स इनिशिएटिव—ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) और राज्य की वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य (Chandrima Bhattacharya) से अपील की है कि कोलकाता के डांस बार सहित सभी बार-लाइसेंस प्राप्त रेस्तरां में शराब की बिक्री रात 11:30 बजे तक सीमित की जाए। संगठनों ने इस संबंध में कड़े नियम लागू करने की मांग भी उठाई है।
एनजीओ के प्रवक्ता और सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष नारायण जैन (Naryan Jain) ने कहा कि कई बार और रेस्तरां रात भर खुले रहते हैं और कुछ स्थानों पर शराब बिक्री का सिलसिला सुबह 5:30 बजे तक चलता है, जो पूरी तरह अवैध है। उन्होंने चेताया कि ऐसे लंबे संचालन समय के कारण नशे में गाड़ी चलाने, सार्वजनिक अशांति और महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है।
संगठन ने यह भी चिंता जताई कि कई बार अग्नि सुरक्षा मानदंडों की अनदेखी करते हैं, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा होता है। हाल ही में रितु राज होटल में लगी आग की घटना का हवाला देते हुए वरिष्ठ सदस्य डी. सी. चौधरी ने कहा कि ऊपरी मंजिलों पर स्थित शराब विक्रय केंद्रों में अक्सर आग से बचाव के पर्याप्त उपाय नहीं होते, जिससे जान-माल का भारी खतरा बना रहता है।
कंसर्न फॉर कलकत्ता के अध्यक्ष ओ.पी. झुनझुनवाला (O.P. Jhunjhunwala)ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 47 का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य का कर्तव्य है कि वह शराब और नशीले पदार्थों पर नियंत्रण रखे। उन्होंने कहा कि निर्देशक सिद्धांतों को लागू करने में सरकार अब तक विफल रही है।
संगठनों ने कोलकाता नगर निगम के मेयर द्वारा छतों पर बार बंद करने की पहल की सराहना की और मांग की कि यह प्रतिबंध पहली मंजिल से ऊपर की सभी मंजिलों पर भी लागू किया जाए। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि बार और डांस बारों को नए लाइसेंस जारी करने से परहेज किया जाए और मौजूदा नियमों को सख्ती से लागू किया जाए।
इन संगठनों का मानना है कि इस तरह के कदम कोलकाता में सार्वजनिक व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा और नागरिकों के स्वास्थ्य हितों की रक्षा के लिए बेहद आवश्यक हैं।