काठमांडू : (Kathmandu) उड़ीसा के भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय (Kalinga Institute of Industrial Technology University) (केआईआईटी) में एक नेपाली छात्रा की आत्महत्या के बाद अब तक वहां अध्ययनरत 300 से अधिक छात्र नेपाल लौट चुके हैं। इन छात्र-छात्राओं का विश्वविद्यालय प्रशासन पर नेपाली छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करने और उन्हें हॉस्टल से निलंबित किए जाने का आरोप हैं।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता रामचंद्र तिवारी (Home Ministry spokesperson Ramchandra Tiwari) ने रविवार को बताया कि एक हफ्ते के भीतर पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमा से 301 छात्र-छात्राओं के नेपाल वापस आने की खबर है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल की सीमा काकड़भिट्टा की सीमा से 20, उत्तर प्रदेश की भैरहवा सुनौली सीमा से 36, बिहार के रक्सौल बीरगंज सीमा से 162 तथा बिहार के ही जोगबनी विराटनगर सीमा से 83 छात्रों की वापसी हुई है। वापस आने वाले छात्रों ने स्वीकार किया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन और भुवनेश्वर पुलिस की तरफ से उनके पास लगातार फोन और मैसेज आ रहे हैं कि वो वापस आकर अपना हॉस्टल में आकर अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं। वापस होने वाले छात्रों ने यह भी बताया कि भुवनेश्वर पुलिस ने उनकी पूरी सुरक्षा की जिम्मेवारी भी ली है।
उड़ीसा से काठमांडू लौट कर आई केआईआईटी में कम्यूटर इंजीनियरिंग की चौथे सेमेस्टर की छात्रा सौम्या झा ने बताया कि नेपाली छात्रा की मौत के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से नेपाली छात्रों के साथ जिस तरह की मारपीट, गाली गलौज और दुर्व्यवहार किया गया, उसके कारण कई छात्र मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं और दोबारा वापस नहीं जाना चाहते हैं।
हालांकि, उड़ीसा सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रदेश के गृहमंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है और जांच भी शुरू कर दी है। पुलिस ने नेपाली छात्रों के साथ मारपीट करने वाले दो निजी गार्डों को गिरफ्तार कर लिया है। प्रशासन ने छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले दो प्रशानिक अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।