काठमांडू : (Kathmandu) राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल (President Ram Chandra Paudel) के साथ सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल की मौजूदगी में जेन-जी समूहों की बैठक में सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाने पर सहमति बन गई है। राष्ट्रपति पौडेल ने उनसे इस जिम्मेदारी को संभालने का अनुरोध किया, जिसे नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया।
यह महज संयोग है कि जिस केपी ओली के संवैधानिक परिषद के अध्यक्ष रहते उन्हें सर्वोच्च अदालत का प्रधान न्यायाधीश बनाया गया था, उसी ओली के सत्ता से हटने के बाद उनके नाम का प्रस्ताव अंतरिम सरकार के प्रमुख के लिए किया गया है। वो करीब एक साल तक सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस रही, जिस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त बड़े नेताओं के खिलाफ फैसले दिए। उन्होंने तत्कालीन सूचना तथा संचार मंत्री जयप्रकाश गुप्ता को मंत्री रहते जेल भेजने की सजा सुनाई थी। यह नेपाल के इतिहास में पहली बार हुआ था, जब किसी मौजूदा मंत्री को अदालत के कठघरे से सीधे जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया था। इसके अलावा उन्होंने एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ लोकमान सिंह कार्की (Anti Corruption Bureau Chief Lokman Singh Karki) को पद से हटाने का भी फैसला दिया था, जिसके बाद उन्हें देश छोड़ कर कनाडा जाना पड़ा।
नेपाल के विराटनगर में जन्मी सुशीला कार्की का परिवार शुरू से ही नेपाली कांग्रेस के संस्थापक नेता वीपी कोइराला के करीबी था। सुशीला कार्की के पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन सुशीला ने नहीं मानी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में मास्टर्स करने वाली सुशीला की शादी भी वहीं अध्ययनरत दुर्गा प्रसाद सुवेदी (Durga Prasad Subedi) से हुई, जो वीपी कोइराला के करीबी और नेपाली कांग्रेस के युवा नेता थे। बनारस से लौटने के बाद उन्होंने काठमांडू के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और न्याय क्षेत्र में सक्रिय रही। पहले उन्होंने कई कालेजों में लेक्चरर के रूप में काम किया। अपने वकालत के दिनों में वो विराटनगर बार एसोशिएशन की अध्यक्ष भी रही।
नेपाल की संसद में एक बार सुशीला कार्की के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव भी लाया गया था, जिसके बाद कुछ दिनों तक उन्हें अपने पद से निलंबित रहना पड़ा। बाद में कोर्ट ने उनके निलंबन को खारिज करते हुए उन्हें दोबारा प्रधान न्यायाधीश के रूप में काम करने के लिए फैसला सुनाया। सुशीला कार्की के कारण सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के उस नियम को बदल दिया, जिसमें महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के साथ ही प्रधान न्यायाधीश को निलंबित किए जाने के प्रावधान को बदल दिया था।
सुशीला कार्की के पति दुर्गा सुवेदी नेपाल में हुए एक विमान अपहरण कांड में जुड़े हुए हैं। दरअसल नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री गिरिजा कोइराला ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिल कर एक विमान का अपहरण किया था। उस विमान अपहरण में गिरिजा कोइराला के प्रमुख सहयोगी दुर्गा सुवेदी थे। 10 जून, 1973 को नेपाल के विराटनगर से विमान अपहरण किया गया, जिसे बिहार के फारबिसगंज में उतारा गया था। दरअसल, इस विमान में विराटनगर के बैंकों से लाए गए पैसे थे, जिसे काठमांडू ले जाना था। उस समय नेपाल की सत्ता पर राजा महेंद्र काबिज थे और नेपाली कांग्रेस उनके खिलाफ आंदोलन कर रही थी। राजा महेंद्र के पंचायती शासन व्यवस्था के विरोध में बहुदलीय व्यवस्था की मांग करते हुए कांग्रेस सशस्त्र विद्रोह करने की तैयारी में थी और इसके लिए पैसों की जरूरत थी जिसके लिए विमान अपहरण किया गया।
इस विमान में बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री माला सिन्हा (famous Bollywood actress Mala Sinha) सहित 19 यात्री सवार थे। विमान अपहरण के बाद इसमें रहे पैसा को गाड़ी से दार्जिलिंग पहुंचाया गया। इस विमान में करीब 30 लाख रुपए मौजूद थे। बाद में दुर्गा सुवेदी सहित सभी अपहरणकारियों को मुंबई से गिरफ्तार किया गया और इमरजेंसी के समय 1975 में उन्हें रिहा कर दिया गया।