कानपुर : फलों में अत्यधिक विभिन्न प्रकार के रसायन का प्रयोग जनमानस के स्वास्थ्य पर गंभीर बीमारियों की संभावना बढ़ा देता है। लेकिन घरों में उगाए गये फल व सब्जी अत्यधिक लाभकारी होता है, इसलिए स्वास्थ्यवर्धक फलदार पौधे घरों में उगाएं। यह बात शनिवार को चन्द्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के फल विज्ञान विभाग में शोधरत छात्रा अनुशी ने कही।
शोध छात्रा ने बताया कि बताया की वर्तमान समय में बाजारों में उपलब्ध फलो में अत्यधिक रसायन यथा कीटनाशक, फफूंदीनासक, खरपतवरनाशक एवं अन्य प्रकार के रसायन युक्त सामग्रियों का उपयोग कर फलों को तैयार किया जाता है, जो आम जनमानस के स्वास्थ पर प्रभाव डालने के साथ-साथ अत्यधिक गंभीर बीमारियां होने की संभावनाओं को भी बढ़ा देता है।
उन्होंने बताया की सभी लोग अपने आस पास उपलब्ध अनुपयोगी जगह पर आम, अमरुद, केला, बेल, सहतूत एवं अन्य विभिन्न प्रकार के स्वास्थवर्धक, पौष्टिक फलदार वृक्षों का रोपण कर सकते है।जिससे आप गुणवत्तापूर्ण फलों के साथ-साथ बढती हुई इस गर्मी में शीतलता एवं छांव भी पा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि वे स्वयं विगत कई वर्षो से अपने घर के आसपास उपलब्ध अनुपयोगी जगह व बगीचे में विभिन्न फलदार वृक्ष जैसे कि आम जोकि हमें माह जून से अगस्त तक विटामिन ए युक्त फल देता है। अमरुद जोकि वर्ष में दो बार मार्च से अप्रैल एवं नवम्बर से दिसंबर के मध्य विटामिन सी युक्त फल देता है।
आंवला जिसका उत्पादन हम फरवरी के माह में ले सकते है, बेल जिसे मई से अगस्त माह में उपयोग कर सकते है जोकि विटामिन बी12 से भरपूर है एवं केले जो सितम्बर से दिसंबर तक फल प्रदान करता है तथा अन्य फलदार वृक्ष का रोपण कर उनसे रसायनमुक्त, स्वास्थवर्धक फल का उपयोग कर रहे है जोकि शरीर के मेटाबोलिज्म को मजबूत कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ महंगाई के इस दौर में दोहरी राहत प्रदान कर रहा है।