जींद : नगूरां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर शनिवार को संस्थागत प्रसव को लेकर डा. राम ने आशा वर्करों तथा कर्मचारियों की बैठक ली। इस दौरान डिलीवरी मामले में रेफरल को लेकर मिल रही शिकायतों को लेकर आशा वर्करों तथा कर्मचारियों को फटकार लगाई गई।
चिकित्सक राम ने आशा वर्करों को संस्थागत प्रसव के बारे में जागरूक करते हुए कहा कि प्रशिक्षत और सक्षम स्वास्थ्य कर्मियों की समग्र देखरेख में बच्चे का जन्म होने से मां और बच्चा दोनोंं स्वस्थ रहते हैं तथा जच्चा-बच्चा दोनों की अच्छी तरह से देखभाल हो जाती है। जिससे शिशु और माता मृत्यु दर में काफी कमी आ जाती है।
उन्होंने बताया कि अधिक जोखिम वाली गर्भवती महिलाओंं के लिए संस्थागत प्रसव सबसे सुरक्षित है। क्योंकि बाल रोग विशेषज्ञ तथा स्त्रीरोग विशेषज्ञ हर समय अस्पताल में उपलब्ध रहते हैं। आशा वर्कर तथा कर्मचारी सरकार व स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगूरां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर खोले डिलीवरी हट को सफल बनाने का प्रयास करें।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रशिक्षित स्टाफ की नियुक्ति 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध है। उन्होंने आशा वर्करों को कहा कि अपने आसपास की डिलीवरी नीजि अस्पतालों में न ले जाकर सरकारी अस्पतालों मेंं लेकर आएं ताकि लोगों के आर्थिक तथा मानसिक स्थितियों का सामना न करना पड़े। इस अवसर पर स्वास्थ्य निरीक्षक नरेंद्र ढांडा, संजय कुमार, एएनएम हरिता के अलावा जुगेश, सुनिता, सीमा, संतोष, गीता, मुकेश, बिमला, मंजू, शंकुतला, सुमन आदि उपस्थित थी।