अनजान नंबर से आए व्हाट्सएप कॉल तो न उठाएं -नंबर की शुरुआत में रहता है 92
जौनपुर : वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के साइबर क्लब के नोडल अधिकारी एवं जनसंचार विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने बताया कि इन दिनों पाकिस्तानी कोड का इस्तेमाल कर साइबर अपराधियों द्वारा लोगों के नंबरों पर व्हाट्सएप कॉल कर धमकाया जा रहा है। उन्हें डराकर ऑनलाइन धन ट्रांसफर कराया जा रहा है। नंबर पर वर्दी में पुलिस की फोटो भी लगाकर लोगों को फंसा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर आप व्हाट्सएप और फेसबुक का प्रयोग करते हैं तो अधिक सावधान रहने की जरूरत है। साइबर अपराधी आपके नंबर और व्यक्तिगत जानकारी को जुटा लेते हैं फिर व्हाट्सएप कॉल कर आपको डराते हैं। आपके किसी परिवार के सदस्य को किसी अपराध में लिप्त होने की जानकारी देते हैं और फिर उसे बचाने के लिए अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर लेते हैं। काल के दौरान यह इतना अधिक मनोवैज्ञानिक दबाव डालते हैं कि अगर कोई व्यक्ति तत्काल पैसा ट्रांसफर नहीं किया तो उसका बच्चा या परिवार का सदस्य गिरफ्तार हो जाएगा और उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
पाकिस्तान के कोड वाले नंबर से व्हाट्सएप कॉल करने वाले हिंदी में बात करते हैं और आप उनकी बातचीत से यह नहीं पकड़ सकते कि वह कौन है। रविवार को एक घटनाक्रम की जानकारी साझा करते हुए कहा कि अभी कुछ दिनों पहले जनपद के एक व्यक्ति को फोन कर उसके बेटे को एक मामले में फंसे होने का बताकर तीस हजार रुपये ट्रांसफर कर लिए गए। घर से बाहर रह रहे बच्चे से जब फोन कटने के बाद संपर्क किया तो पता चला कि वह पढ़ाई कर रहा है।
वहीं दूसरे व्यक्ति को फोन कर उनके बच्चे को किसी अपराध में लिप्त होने का भय दिखाया गया लेकिन वह जागरूक होने के कारण साइबर अपराधियों से बच गए। इसके साथ ही पूर्वांचल विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को पाकिस्तान के कोड वाले नंबर से फोन आया और फोन करने वाले ने उन्हें पुराना मित्र बताया। जागरूक होने के कारण उनके साथ साइबर अपराध नहीं हो पाया।
इसके साथ ही कई विद्यार्थियों के अभिभावकों को फोन करके 92 कोड वाले नंबर से डराया जा रहा है। डॉक्टर राठौर ने बताया कि पूरे देश में आजकल विदेशी नंबरों से साइबर अपराधी व्हाट्सएप कॉल करके लोगों को डरा धमका रहे है। आप अलर्ट रहें, बिल्कुल डरे नहीं और इसकी शिकायत साइबर क्राइम पोर्टल अथवा साइबर थाने में दर्ज कराये। पहली नजर में तो लगता है कि यह फोन पाकिस्तान से आ रहा है लेकिन वर्चुअल नंबर का इस्तेमाल करके इंटरनेट के माध्यम से ऐसी कॉल की जा रही है। ऐसा भी हो सकता है कि भारत से ही बैठकर पाकिस्तान के कोड का इस्तेमाल साइबर अपराधी कर रहे है।