Jakarta : इंडोनेशिया के रियाउ में पाम ऑयल प्लांटेशन अधिग्रहण के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरे

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जकार्ता : (Jakarta) इंडोनेशिया के रियाउ प्रांत (Indonesia’s Riau province) में पाम ऑयल बेल्ट (palm oil belt) के हजारों निवासियों ने 20 नवंबर को सरकार द्वारा उनके प्लांटेशनों के अधिग्रहण के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह जानकारी प्रदर्शन का आयोजन कर रहे समूह के एक प्रतिनिधि ने स्थानीय मीडिया को दी।

राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियान्तो (President Prabowo Subianto) की ओर से गठित फॉरेस्ट्री टास्क फोर्स, जिसमें सेना और सरकारी अभियोजक शामिल हैं, इस वर्ष उन पाम ऑयल प्लांटेशनों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है, जिन्हें वन क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है। उद्योग जगत का कहना है कि यह कदम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित कर सकता है।

अब तक करीब 3.7 मिलियन हेक्टेयर प्लांटेशन जमीन (3.7 million hectares of plantation) जब्त की गई है, जिसमें से लगभग आधी जमीन नई सरकारी कंपनी ‘एग्रीनास पाल्मा नुसंतारा’ को सौंप दी गई है। इससे यह कंपनी भूमि स्वामित्व के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी पाम ऑयल कंपनी बन गई है।

प्रांतीय राजधानी पेकानबारू (provincial capital, Pekanbaru) में स्थानीय अभियोजक कार्यालय के बाहर हुए एक बड़े विरोध प्रदर्शन में करीब 2,800 लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने टास्क फोर्स और एग्रिनास से तुरंत रियाउ में अपने सभी अभियान रोकने और कब्जे की कानूनी आधार स्पष्ट करने की मांग की।

कोम्मारी गठबंधन के सचिव जनरल अब्दुल अजीज (Kommari Coalition Secretary General Abdul Aziz) ने कहा, “हमारी मांग है कि पहले स्पष्ट किया जाए कि जमीन का असली अधिकार किसके पास है। हम दशकों से इन जमीनों पर खेती कर रहे हैं। ऐसे ही जबरन कब्जा नहीं किया जा सकता। इस मुद्दे को अदालत में ले जाया जाना चाहिए।”

एग्रिनास के वाइस-सीईओ कुश्दी सस्त्रो किजान (Agrinas Vice-CEO Kushdi Sastro Kijan) ने कहा कि टास्क फोर्स की कार्रवाई मौजूदा कानूनों के तहत है, जिसका उद्देश्य वन क्षेत्रों पर नियंत्रण वापस लेना और अवैध पाम ऑयल खेती को रोकना है। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी सुशासन के उच्च मानकों के साथ अपने अभियान रियाउ सहित अन्य प्रांतों में जारी रखेगी।

इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा पाम ऑयल उत्पादक देश (Indonesia is the world’s largest palm oil producer) है, और रियाउ इसकी सबसे बड़ी उत्पादक प्रांतों में से एक है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि रियाउ में कितनी जमीन अधिग्रहित कर एग्रिनस को सौंपी गई है।

राज्य समाचार एजेंसी अंतरा के(state news agency Antara) मुताबिक, पेकानबारू की सड़कों पर प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए 1,300 से अधिक कर्मियों की तैनाती की गई थी, जबकि हजारों लोग मार्च में शामिल हुए।