जयपुर : राजस्थान पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय, केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान एवं जयपुर पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के संयुक्त तत्वावधान में नव संशोधित, अधिनियमित आपराधिक अधिनियम (बीएनएस, बीएनएसएस और बीएसए) पर एक दिवसीय कार्यशाला सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित की गई।
पुलिस महानिदेशक यूआर साहू ने सम्मेलन के शुभारंभ सत्र के दौरान बताया कि इस सेमिनार में नये आपराधिक कानूनों के बारे में विस्तार से व्याख्या व उन्हें लागू करने से सम्बंधित प्रक्रिया आदि से पुलिस अधिकारियों का क्षमता संवर्धन हो सकेगा। पुलिस मुख्यालय में पदस्थापित एवं फील्ड में लगे आईपीएस अधिकारीगण द्वारा इस वर्कशॉप में भाग लिया गया। विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा न्यू क्रिमिनल लॉ के बारे में पुलिस अधिकारियों को व्यापक जानकारी दी गई।
डीजीपी साहू ने बताया कि कार्यशाला में प्रातः साढे नौ से दस बजे तक नए कानूनों पर संसद में गृह मंत्री के प्रलेखित भाषण पर वीडियो प्रदर्शित किया गया। तत्पश्चात प्रातः दस बजे से पौने ग्यारह बजे तक “क्या साथ आया है और क्या पीछे छोड़ दिया गया है” विषय पर प्रोफेसर मनोज कुमार शर्मा एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ लॉ, राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटियाला पंजाब ने विषयक विचार रखे।
डीजीपी साहू ने बताया कि पौने बारह से साढे बारह बजे तक “नए कानूनों के बुनियादी बदलाव” और “क्या हमने प्रौद्योगिकी की अनिवार्यताओं को सही ढंग से समझ लिया है?” विषय पर सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली में एडवोकेट निशीथ दीक्षित ने अपने विचार साझा किए। मध्याह्न पश्चात 1:40 बजे से दोपहर 2:20 बजे तक बीएनएसएस, बीएनएस व बीएसए के नए कानूनों की बारीकियों से समझ पर बल दिया गया। “न्यायशास्त्र के दर्शन को नहीं भूलना चाहिए” विषय पर सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक, मेघालय अतुल कुमार माथुर ने प्रकाश डाला। अंत मे केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान जयपुर के निदेशक आईपीएस डॉ. अमनदीप सिंह ने कार्यशाला का सारांश प्रस्तुत कर सबको धन्यवाद ज्ञापित किया।