जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और कर्मचारी चयन बोर्ड से पूछा है कि पेपर लीक के आरोपी से दोस्ती होने के आधार मात्र पर पीटीआई भर्ती-2022 में चयनित महिला अभ्यर्थी का चयन क्यों निरस्त किया गया है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश प्रियंका विश्नोई की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने 16 जून 2022 को पीटीआई के 5546 पदों के लिए भर्ती निकाली। जिसमें याचिकाकर्ता शामिल हुई और लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद उसके दस्तावेजों का सत्यापन भी किया गया। वहीं चयन बोर्ड की ओर से गत 31 मई को भर्ती का अंतिम परिणाम जारी किया गया। जिसमें याचिकाकर्ता का चयन हो गया। इसके बाद इसी दिन बोर्ड ने उसकी नियुक्ति को रद्द कर दिया। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की जानकारी में आया है कि उसकी पेपर लीक के मास्टर माइंड भूपेन्द्र से दोस्ती होने के कारण चयन बोर्ड की ओर से उसकी नियुक्ति रद्द की गई है। याचिका में यह भी कहा गया कि पीटीआई भर्ती में पेपर लीक का आरोप नहीं लगा है और ना ही इस परीक्षा को लेकर कोई एफआईआर दर्ज हुई है। याचिकाकर्ता शुरू से ही होनहार छात्रा रही है और इस परीक्षा के लिए उसने कड़ी मेहनत की है। इसके बावजूद भी उसकी नियुक्ति रद्द करना गलत है। नियुक्ति रद्द करने से पहले याचिकाकर्ता का पक्ष भी नहीं सुना गया। याचिका में बताया गया कि किसी आरोपी से दोस्ती होने के आधार मात्र पर याचिकाकर्ता को दंडित नहीं किया जा सकता। ऐसे में उसकी नियुक्ति रद्द करने के आदेश को निरस्त कर उसे नियुक्ति दी जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।