जयपुर : प्रदेश में घट स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र के मेले शुरू हो गए हैं। यहां नौ दिनों तक कई धार्मिक कार्यक्रम और अनुष्ठान होंगे।
करौली के प्रसिद्ध कैलादेवी मंदिर में रविवार को घट स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र शुरू हो गए। माता के मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान शुरू होने के साथ ही शारदीय नवरात्र मेला भी शुरू हो गया। इसमें देशभर से लाखों श्रद्धालु माता के दरबार में पहुंचेंगे। कैला देवी मंदिर ट्रस्टी कृष्ण चंद्रपाल ने राज ऋषि प्रकाश जती के सानिध्य में विधि विधान से पूजा अर्चना कर घट स्थापना की। मंदिर में सुबह मंगला आरती से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। कतार में लगकर उन्होंने माता के दर्शन किए। पहले नवरात्र पर एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में धोक लगाकर खुशहाली की मनौती मांगी। कैलादेवी मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक स्थापना प्रदीप द्विवेदी ने बताया कि बीच मंदिर में घट स्थापना मंदिर के सोल ट्रस्टी कृष्णचन्द्रपाल ने पूजा-अर्चना से की। इसके साथ ही प्रतिदिन 25 पंडितों द्वारा माता का शतचंडी पाठ, देवी भागवत, भैरवजी पाठ शुरू हो गए। अष्टमी की रात्रि को हवन होगा और नवमीं को धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न होंगे।
चौथ का बरवाड़ा कस्बे स्थित चौथ माता मंदिर में रविवार को नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना हुई। वैदिक मंत्र के साथ दोपहर में कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हुए। इसी के साथ ही अखंड रामायण पाठ की शुरुआत भी की गई। इस अवसर पर चौथ माता की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया गया और 56 भोग लगाया गया। नवरात्रि के पहले दिन बड़ी संख्या में भक्तों ने चौथ माता मंदिर जाकर पूजा अर्चना की तथा चौथ माता की परिक्रमा लगाई। नवरात्रि के पहले दिन सुबह से ही भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। बड़ी संख्या में भक्तों ने चौथ माता मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की। इस अवसर पर चौथ माता ट्रस्ट प्रशासन की ओर से दोपहर 12 बजे घट स्थापना की गई। इसी के साथ ही कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। आने वाले संवत को लेकर माता की प्रतिमा के नीचे ज्वारा बोया गया।
घट स्थापना के साथ आज से सीकर में मां जीणमाता का नवरात्रि मेला शुरू हो गया। पहले ही दिन मंदिर में हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। माता का कोलकाता और दिल्ली के फूलों से श्रृंगार किया गया। इसके साथ ही दिल्ली में तैयार हुई पोशाक माता को धारण करवाई गई। मेले के दौरान आज 325 पुलिस और होमगार्ड के जवान लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त 125 सिक्योरिटी गार्ड मंदिर समिति की तरफ से लगाए गए हैं। ऐसे में जीणमाता में कुल 450 सुरक्षाकर्मी व्यवस्था संभाल रहे हैं। इसके अतिरिक्त दर्जनों सीसीटीवी कैमरों से पूरे मेले की निगरानी की जा रही है। हर बार की तरह इस बार भी पार्किंग रैवासा रोड पर की गई है। इस बार मेले में मंदिर ट्रस्ट की ओर से ई-रिक्शा की सुविधा दी गई है जो विकलांग, असहाय और वृद्ध लोगों को सिंह द्वार तक लेकर जाएंगे। बता दें साल में आने वाली दोनों नवरात्रि में जीणमाता का मेला भरता है जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं।
जोधपुर के मेहरानगढ़ दुर्ग स्थित मां चामुण्डा मंदिर में भी इस बार सुबह से ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार नजर आईं। माता के जयकारों के साथ कई भक्त पैदल दर्शन के लिए भी यहां पहुंचे। इस बार चामुंडा मंदिर में सुबह सात से शाम पांच बजे तक दर्शन होंगे। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के दर्शन को लेकर लोहे की पाइप की जिगजैग स्टाइल में बैरिकेडिंग की गई है। सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ यहां नजर आने लगी। इसमें महिलाओं के साथ छोटे बच्चे भी शामिल थे। इस बार नवरात्रा मेले में मंदिर में पॉलीथिन की थैली लेकर आने पर प्रतिबंध है। श्रद्धालुओं ने एक स्वर में माता का आरती गीत गाया। मंदिर में दर्शन के लिए हर साल नवरात्रा के मौके श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। भक्त माता के दर्शन के लिए घंटो कतार में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। इनमें छोटे बच्चों से लेकर बड़े भी शामिल हैं।