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Jaipur : एक करोड़ की फिरौती के लिए की हत्या, चढे पुलिस के हत्थे

जयपुर : सांगानेर थाना पुलिस ने एक करोड़ की फिरौती के लिए हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इस वारदात का मास्टरमाइंड मृतक हनुमान मीणा का बचपन का दोस्त ही है। आरोपितों ने फिरौती के लिए उसका अपहरण किया था, लेकिन मुंह पर टेप ज्यादा लगने की वजह से हनुमान मीणा की मौत हो गई थी। पुलिस ने गुरुवार सुबह द्रव्यवती नदी के नाले से मृतक का शव भी बरामद कर लिया है। जानकारी में सामने आया कि मृतक हनुमान मीणा मालवीय नगर स्थित सरस डेयरी कर्मचारी था। फिलहाल मामले की जांच पडताल की जा रही है।

अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर कैलाश चंद विश्नोई ने बताया कि सांगानेर थाना पुलिस ने एक करोड़ की फिरौती के लिए हनुमान मीणा का आरोपितों ने अपहरण कर हत्या की वारदात करने वाले सांगानेर निवासी आरोपित बृजभान सिंह चौहान, योगेंद्र सिंह चौहान और दिवाकर टांक को गिरफ्तार किया है। आरोपितों से पूछताछ में सामने आया है कि मृतक हनुमान मीणा आरोपित दिवाकर का बचपन का दोस्त था और आरोपित ने उसे कॉफी पीने के बहाने एक फ्लैट पर बुलाया था। इसके बाद उन लोगों ने फिरौती के लिए उसका अपहरण किया और मुंह पर टेप ज्यादा लगाने की वजह से हनुमान की मौत हो गई। आरोपितों ने हनुमान के शव को पुलिस से बचने के लिए द्रव्यवती नदी में फेंक दिया था। जहां से पुलिस ने शव को बरामद कर लिया और शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया।

इस संबंध में 22 मई को परिवादी जगदीश मीणा ने सांगानेर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसका बेटा हनुमान मीणा घर से निकला था जो वापस नहीं लौटा। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। इसके बाद 23 मई को परिवादी जगदीश मीणा के बेटे के व्हाट्सएप नंबर से वीडियो कॉल आया था। जिसमें बेटे को बंधक बनाने का वीडियो दिखाया गया और आरोपितों की ओर से एक करोड़ की फिरौती मांगी गई। पुलिस ने इसके बाद अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया कि हनुमान मीणा का अपहरण उसके बचपन के दोस्त दिवाकर टांक ने अपने भाई योगेंद्र सिंह और बृजभान सिंह के साथ मिलकर किया था। लेकिन मुंह पर अधिक देर तक टेप लगे होने से हनुमान की मौत हो गई। ऐसे में आरोपितों ने शव को प्लास्टिक के कट्टे में डालकर 5- 6 किलो वजनी लोहे के बाट के साथ द्रव्यवती नदी में फेंक दिया था। आरोपित दिवाकर टांक पेशे से अधिवक्ता है और उसका मृतक के घर आना-जाना था। उसे पता था कि हनुमान पैसे वाला था। दिवाकर व योगेन्द्र दोस्त थे। योगेन्द्र का बड़ा भाई बृजभान भी दिवाकर का जानकार था। दिवाकर ने योगेन्द्र व बृजभान को बताया था कि हनुमान का अपहरण कर मोटी रकम ऐंठी जा सकती है। जिस पर योगेन्द्र ने हनुमान के घर के पास सन स्क्वायर अपार्टमेंट में फ्लैट नम्बर 509 को 13 हजार 500 रुपए में किराए पर लिया। 22 मई को सुबह हनुमान से योगेन्द्र ने सम्पर्क कर मिलने के लिए कहा। योगेन्द्र से मिलने के लिए हनुमान सुबह सन स्क्वायर अपार्टमेंट आ गया। योगेन्द्र उसे बातों में उलझाकर अपने फ्लैट पर ले गया, जहां बृजभान और दिवाकर पहले से मौजूद थे। तीनों ने पहले हनुमान को कॉफी पिलाई, फिर योगेन्द्र ने उसका मुंह बंद कर दिया। तीनों ने मिलकर उसके मुंह पर टेप लगाई। इसके बाद उसके तड़पते हुए का वीडियो भी बनाया। इसी दौरान हनुमान की मौत हो गई।

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