Former IG got justice 13 years after his death
जयपुर : आईजी जेल के के पद से 32 साल पहले रिटायर हुए रामानुज शर्मा को मौत के करीब 13 साल बाद हाईकोर्ट से न्याय मिला है। हाईकोर्ट ने उनकी पेंशन काटने के 24 साल पुराने आदेश को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही काटी गई राशि नौ फीसदी ब्याज सहित लौटाने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस अनूप ढंड ने यह आदेश रामानुज शर्मा के उत्तराधिकारी राम मधुकर शर्मा व अन्य की याचिका पर दिए।
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि रामानुज शर्मा तीस जून, 1991 को रिटायर होने वाले थे, लेकिन उन्हें 17 साल पुराने एक मामले में 29 जून, 1991 को चार्जशीट दी गई। जिससे उनके पेंशन परिलाभ रुक गए। वहीं रिटायर होने के जून 1999 को लंबित मामले में दो साल तक उनकी पेंशन में से पांच फीसदी राशि काटने की सजा दी गई। जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि इतने सालों बाद चार्जशीट देना गलत है। रिटायर होने के बाद किसी गंभीर मामले में ही दंडित किया जा सकता है। जबकि याचिकाकर्ता को जिस मामले में दंडित किया गया है, वह ज्यादा गंभीर नहीं है। ऐसे में उन्हें रिटायर होने के बाद दंडित नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट में 24 साल चली इस याचिका के लंबित रहने के दौरान करीब 13 साल पहले रामानुज शर्मा का निधन हो गया। इस पर उनके उत्तराधिकारी ने याचिका को जारी रखा।