जयपुर : राजधानी जयपुर में दुपहिया और चौपहिया वाहनों की चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इसके साथ ही विभिन्न आपराधिक घटनाओं में चोरी के वाहनों का इस्तेमाल बदमाश कर रहे हैं। ऐसे में अब वाहनों की खरीद-फरोख्त करने वाले एजेंट पर पुलिस ने सख्ती दिखाई है। ताकि चोरी के वाहनों की खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगाया जा सके। इसके लिए जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर (कानून-व्यवस्था) कुंवर राष्ट्रदीप ने एक आदेश जारी किया है। इसमें सेकंड हैंड वाहनों (दुपहिया और चौपहिया) की खरीद-फरोख्त करने वाले डीलर और एजेंट्स को निर्देश दिए गए हैं कि सेकंड हैंड वाहनों को बेचने और खरीदने वालों की जानकारी दर्ज करने के लिए एक रजिस्टर मेंटेन करें। जिसमें वाहन खरीदने और बेचने वालों की जानकारी दर्ज करने के साथ ही फोटो भी सुरक्षित रखनी होगी। इसके साथ ही परिवहन विभाग से संबंधित दस्तावेज जैसे फॉर्म-29 और 30 और डिलीवरी लेटर भी संधारित कर सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि पुलिस को जरूरत पड़ने पर यह जानकारी मुहैया करवाई जा सके। इसके साथ ही वाहन बेचने वाला व्यक्ति संदिग्ध लगे तो तुरंत पुलिस को सूचना देने के भी निर्देश दिए गए हैं।
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर (कानून-व्यवस्था) कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि फिलहाल यह देखने में आया है कि पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त करने वाले कई डीलर या एजेंट उन्हें वाहन बेचने या खरीदने वाले लोगों का रिकॉर्ड नहीं रख रहे हैं। इसके साथ ही परिवहन विभाग को जानकारी दिए बिना ही वाहन बेच दिए जाते हैं। सेकंड हैंड वाहनों की खरीद-फरोख्त में दस्तावेज पूरे करवाने की जहमत नहीं उठाते हैं। ऐसे में कोई अपराध होने पर अपराधियों की पहचान करने में परेशानी आती हैै। इसके साथ ही चोरी के वाहन इन डीलर-एजेंट्स के मार्फत बेचे जाने की संभावना रहती है। इसके साथ ही इन वाहनों के आपराधिक घटनाओं में उपयोग की संभावना भी बनी रहती है। सेकंड हैंड वाहनों की खरीद-फरोख्त करने वाले डीलर, एजेंट्स और कबाड़ियों को वाहन रखने के स्थान पर पर्याप्त संख्या में अच्छी गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगवाने के भी निर्देश दिए गए हैं। ताकि वाहन बेचने और खरीदने आने वाले लोगों की पहचान की जा सके। इस संबंध में कार्यपालक मजिस्ट्रेट एवं अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर (कानून-व्यवस्था) जयपुर शहर की ओर से एक आदेश जारी कर जयपुर पुलिस कमिश्नरेट,पुलिस उपायुक्त(डीसीपी),अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त(एडि.डीपीसी),सहायक पुलिस आयुक्त(एसीपी) कार्यालय सहित सभी थानों के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर प्रकाशित कर सार्वजनिक किया गया है।