जयपुर : प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु के दौरान उपभोक्ताओं की पेयजल की समस्या का तत्काल समाधान करने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे। ग्रीष्म ऋतु में स्वीकृत कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने के लिए नियमित रूप से मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने कहा कि जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत 70 प्रतिशत से अधिक वाली ग्राम पंचायत में 100 फीसदी उपलब्धि प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर इसमें किसी भी तरह की व्यवहारिक कठिनाई आती है तो इसका समुचित कार्यवाही करते हुए निराकरण किया जाए। ग्रीष्म ऋतु में संवर्धन कार्य तथा विभाग की कार्य कुशलता में आवश्यक सुधार किया जाना सुनिश्चित कराएं। शासन सचिव मंगलवार को शासन सचिवालय में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान उपस्थित अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
जल जीवन मिशन कार्यक्रम के तहत किए जा रहे कार्य हो गुणवत्तापूर्ण
शासन सचिव ने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत जो कार्य किए जा रहे हैं उनकी गुणवत्ता की जांच हेतु नियमित रूप से पर्यवेक्षण एवं निगरानी सुनिश्चित की जाए, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को मैनपॉवर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने स्टेट प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट, डिस्टिक प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट, थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन एवं इंप्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी के माध्यम से नियुक्त कार्मिकों का समुचित उपयोग करने के निर्देश दिए।
शासन सचिव ने कहा कि राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का शीघ्र ही निस्तारण किया जाना सुनिश्चित करावे इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि एमनेस्टी स्कीम के तहत उपभोक्ताओं को लाभ दिया जा रहा है या नहीं इसके बारे में जानकारी ली जाए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित हेड पंप एवं आर.ओ के बारे में संबंधित अधिकारी से जानकारी लेकर कहा कि वर्तमान में कितने खराब हैं एवं कितने क्रियाशील है इसकी आगामी बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि विगत दिनों उदयपुर जिले के झाड़ोल उपखंड में प्रशासनिक अधिकारी द्वारा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यालय का निरीक्षण किया जहां पर एक भी कार्मिक उपस्थित नहीं पाया गया जिस पर शासन सचिव ने संबंधित अधीक्षण अभियंता अधिशाषी अभियंता एवं सहायक अभियंता को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अनुपयोगी जल स्रोत हैं उनका पुनरुद्धार कर ग्रीष्म ऋतु में उपयोग करने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए।
बैठक में जल जीवन मिशन के एमडी बचनेश अग्रवाल, संयुक्त शासन सचिव (प्रथम) प्रवीण लेखरा, सहित विभाग के मुख्य अभियंता अतिरिक्त मुख्य अभियंता उपस्थित रहे।