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Gwalior : अक्षय तृतीया, अबूझ मुहूर्त होने पर भी नहीं होंगे विवाह

ग्वालियर : अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 मई दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया एक ऐसा अबूझ मुहूर्त है जिसमें बिना कोई मुहूर्त देखे विवाह कार्य संपन्न कराया जा सकता है, लेकिन इस बार 23 वर्षों के बाद ऐसा संयोग बन रहा है जिसमें अक्षय तृतीया के दिन कोई विवाह मुहूर्त नहीं है। इससे पहले वर्ष 2000 में भी ऐसा ही संयोग बना था।

ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार विवाह के लिए कुंडली मिलान और गुण दोष का मिलान किया जाता है। इसके अलावा गुरु और शुक्र ग्रह को विवाह का कारक ग्रह माना गया है। अगर आकाश मंडल में गुरु और शुक्र ग्रह उदय हों तो ही विवाह के शुभ मुहूर्त होते हैं। अगर ये दोनों ग्रह अस्त हों तो विवाह के लिए मुहूर्त नहीं होता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन गुरु और शुक्र तारा अस्त होने के कारण विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकेंगे, जिसके बाद विवाह के लिए 5 जुलाई को शुक्र ग्रह उदय होगा और शुक्र ग्रह के उदय होने के बाद ही शादी और मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त निकलेगा। हालांकि, अक्षय तृतीया को महामुहूर्त माने जाने के कारण इस दिन शुभ संस्कार संपन्न हो सकते हैं।

इस दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ होता है: ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अक्षय तृतीया को धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर कार्य के लिए बहुत शुभ मुहूर्त माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन कई पौराणिक घटनाएं हुई थीं, इसलिए इसे एक अबूझ मुहूर्त के तौर पर माना जाता है। इस दिन सोने चांदी की खरीद करना बहुत ही शुभ होता है। इस दिन खरीदी गई किसी भी वस्तु में अनंत वृद्धि होती है।

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