Guwahati : योजनाबद्ध व्यवधानों से सदन की गरिमा हो रही कम : लोकसभा अध्यक्ष

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गुवाहाटी : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुवाहाटी में असम राज्य विधानसभा के नए भवन का रविवार को उद्घाटन किया। इस अवसर पर लोकतंत्र को मजबूत करने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि जनप्रतिनिधि लोगों की आस्था और विश्वास के संरक्षक होते हैं। उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि संवाद और चर्चा के स्थान पर सदन की कार्यवाही में बाधा डालकर, नारेबाजी करके और सदन में तख्तियां दिखाकर असहमति व्यक्त की जा रही है। इस बात पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध व्यवधानों से सदन की गरिमा कम हो रही है

बिरला ने विधायकों से आग्रह किया कि वे विधानमंडलों को केवल भवन के रूप में न देखकर इसे संवाद और चर्चा का पवित्र स्थान मानें जहां लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाता है और लोकतंत्र की भावना को मजबूत किया जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी सदस्यों को, राजनीतिक संबद्धता से ऊपर उठकर, विधायी निकायों की गरिमा और मर्यादा को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।

इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी; केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल; केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली, असम विधानसभा के उपाध्यक्ष नुमल मोमिन; सांसद, विधायक और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

यह याद दिलाते हुए कि विधानमंडलों में होने वाली चर्चाओं का आम जनता पर गहरा प्रभाव पड़ता है, उन्होंने विधि निर्माताओं से लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विधायी मंचों का सदुपयोग करने की अपील की। बिरला ने इस बात पर भी जोर दिया कि जनप्रतिनिधियों को रचनात्मक बहस के लिए इन मंचों का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सदन में गरिमा बनाए रखना सत्ता पक्ष और विपक्ष सभी दलों के सदस्यों की जिम्मेदारी है।

बिरला ने कहा कि यह भवन जन आकांक्षाओं और जनकल्याण का प्रतीक है। उन्होंने इस बात की सराहना की कि नए भवन में उत्तर पूर्व भारत की विविधता को समाहित किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि असम विधानसभा के नए भवन में विकास के संकल्प को पूरा करने के लिए कार्य किया जाएगा जिसके परिणामस्वरूप आत्मनिर्भर असम का विकास होगा। बिरला ने यह भी कहा कि नया भवन नए संकल्प, आत्मविश्वास, जोश और उत्साह के साथ आगे बढ़ने के नए असम के लक्ष्य का साक्षी होगा और यह नया भवन इस नई यात्रा का सशक्त साधन बनेगा।

विधानसभा के पुराने भवन से नये भवन तक की यात्रा के बारे में बात करते हुए बिरला ने असम के विकास और उसके गौरव को बढ़ाने में प्रमुख योगदान देने वाली कई महान हस्तियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि यह क्षण लगभग एक सदी के प्रयासों की परिणति है। हमें उन महानुभावों के अपार योगदान के लिए आभारी होना चाहिए और उनके जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

बिरला ने कहा कि विधानसभा की पुरानी इमारत असम की लोकतांत्रिक यात्रा की साक्षी रही है। आजादी के बाद पिछले 75 वर्षों के दौरान असम के लोगों के कल्याण के लिए यहां हुई चर्चा और संवाद के परिणामस्वरूप कई परिवर्तनकारी कानून बने। पुराना भवन समय-समय पर असम से अलग हुए कई राज्यों के गठन और राजधानी को शिलांग से स्थानांतरित किए जाने और फिर विधानसभा पहले दिसपुर और फिर गुवाहाटी में अंतरित किए जाने जैसी असम के लोकतांत्रिक इतिहास में विशेष महत्व रखने वाली अनेक घटनाओं का साक्षी रहा है।

हाल ही में भारत की संसद के नए भवन के उद्घाटन का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि असम विधानसभा का नया भवन न केवल आत्मनिर्भर भारत का, बल्कि नए आत्मनिर्भर असम का भी प्रतीक है। नवीनतम प्रौद्योगिकी के उपयोग से आधुनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया नया भवन नवीनतम सुविधाओं से सुसज्जित है और इसमें अत्याधुनिक सुविधाएं हैं, लेकिन इसके साथ ही असम की समृद्ध विरासत और संस्कृति को दर्शाने वाले विविध पहलुओं को भी इसमें शामिल किया गया है। नए भवन में प्राकृतिक प्रकाश व्यवस्था, पर्याप्त स्थान और डिजिटल कनेक्टिविटी की भी उचित व्यवस्था है। इससे सदस्यों को अधिक क्षमता और रचनात्मकता के साथ प्रभावी ढंग से काम करने में मदद मिलेगी।