-जिम्मेदार नागरिक होने की नहीं निभाई भूमिका
-पुलिस कर रही है चालक-परिचालक की तलाश
गुरुग्राम : दिल्ली-जयपुर नेशनल हाइवे-48 पर बुधवार की रात को लगी आग भले ही एक घटना हो, लेकिन बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने जिम्मेदारी नहीं निभाई। आग लगी बस से यात्रियों को सुरक्षित उतारने की बजाय वे आग लगने के तुरंत बाद ही बस को छोडक़र मौके से फरार हो गये।
बता दें कि बुधवार की देर रात दिल्ली-जयपुर नेशनल हाइवे-48 पर सेक्टर-31 व गूगल बिल्डिंग के सामने स्लीपर बस में आग लग गई थी। यह बस गुरुग्राम से उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के लिए 35 श्रमिकों व उनके परिवारों को लेकर शहर के सेक्टर-12 से रवाना हुई थी। सेक्टर-12 में ही काम करने वाले ये श्रमिक दीवाली पर अपने घर जा रहे थे। इसी दौरान बस में आग लग गई। आग लगने का पता चलते ही ड्राइवर ने बस सेक्टर-31 फ्लाईओवर पर चढ़ते ही बस में आग लग गई। आग लगने के साथ ही बस में भरे यात्रियों में हाहाकार मच गया। सभी की जान पर बन आई। बस के दरवाजे से बाहर निकलने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। काफी देर तक बस का दरवाजा भी नहीं खुला। बात न बनती देख लोगों ने खिड़कियों से ही बाहर कूदना शुरू कर दिया। आग इतनी तेजी से फैली कि करीब 15 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। एक महिला व बच्ची तो बुरी तरह से झुलस गए और बस में ही उनकी मौत हो गई। इस घटना में ड्राइवर और कंडक्टर ने इंसानियत नहीं दिखाई। जिन यात्रियों से वे टिकट के रुपये लेकर कमाई कर रहे थे, उन्हीं को मरने के लिए छोडक़र फरार हो गये। देखते ही देखते बस आग का गोला बन गई। बस आग में पूरी तरह से जल गई।
पुलिस ड्राइवर व कंडक्टर की तलाश कर रही है। बस के मालिकों को भी तलाशा जा रहा है।
बस में श्रमिकों के कपड़े व अन्य काफी सामान और गैस सिलेंडर भरे थे। इस कारण से आग तेजी से फैली। चंद मिनट में ही आग पूरी बस में फैल गई थी। राहगिरों ने आग में फंसे यात्रियों की मदद करने में भूमिका निभाई। उन्होंने बस में से लोगों को निकलने में मदद की। उन्हें अस्पताल भी पहुंचाया। इस आग की घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां मौके पर पहुंची। बुरी तरह से झुलसे तीन लोगों को सफदरजंग अस्पताल दिल्ली, छह लोगों को गुरुग्राम नागरिक अस्पताल व पांच लोगों को मेदांता मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्राथमिक जांच में आग सिलेंडर से लगने का अंदेशा: सीपी विकास अरोड़ा
पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा के मुताबिक घटना के समय बस में गुरुग्राम के पुलिस करीब 40 यात्री सवार थे। ये सभी उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। दिवाली के मौके पर अपने घर जा रहे थे। वे अपने साथ छोटे गैस सिलेंडर लिए हुए थे। शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि आग इन छोटे सिलेंडरों की वजह से लगी होगी। फॉरेंसिक टीम मामले की जांच कर रही है।
यात्रियों को ब्यौरा
पुलिस के मुताबिक इस हादसे में 2 महिलाओं माया और गायत्री की मौत हुई है। इनके अलावा 29 यात्री घायल हुए हैं, जिनमें से 11 को सिविल अस्पताल गुरुग्राम में भर्ती कराया गया है। इनकी पहचान अक्का, राकेश, मुलायम सिंह, ठाकुर दास, दिनेश, धर्मेंद्र, कालीचरण, प्रवीण, हेमलता, प्रीति और दिनेश के रूप में की गई है। दो गंभीर रूप से घायल मिथलेश और हरीश हैं, जिन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया है। 16 अन्य लोगों को मामूली चोटें आईं, जिनकी पहचान शीला, लवकेश, ईश्वर दास, आशीष, ओम प्रकाश, साक्षी, निर्मला, राम कुमार, बब्लू, करिश्मा, महेंद्र, आर्यन, सचिन, नंदिनी, पूनम और हसन के रूप में हुई है। प्राथमिक उपचार के बाद इन सभी को छुट्टी दे दी गई।