DHFL scam : सुप्रीम कोर्ट ने धीरज वधावन की जमानत रद्द की, दो हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश

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नई दिल्ली : (New Delhi) उच्चतम न्यायालय ने डीएचएफएल के 34 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जीवाड़े के मामले के आरोपित धीरज वधावन (Dheeraj Wadhawan) को स्वास्थ्य के आधार पर मिली जमानत को निरस्त कर दी है। उच्चतम न्यायालय ने वधावन को दो हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया। न्यायालय ने जेल प्रशासन और सीबीआई को निर्देश दिया कि वो वधावन के मिलने वाले चिकित्सा का ध्यान रखें और उन्हें जरुरी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं।

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने वधावन के स्वास्थ्य की जांच के लिए 11 डॉक्टरों की एक कमेटी का गठन किया था। नौ जुलाई को इस कमेटी ने रिपोर्ट दी थी, जिसमें कहा गया था कि वधावन को अस्पताल में भर्ती कराने की कोई जरुरत नहीं है, बल्कि पहले से चल रही चिकित्सकीय देखरेख और दवाओं को जारी रखने की जरुरत है। कमेटी ने कहा था कि वधावन का समय-समय पर फिजियोथेरेपी समेत दूसरे मेडिकल चेकअप करते रहना चाहिए।

दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने 9 सितंबर, 2024 को वधावन की स्वास्थ्य रिपोर्ट को देखने के बाद वधावन को जमानत दी थी। सीबीआई ने दिल्ली उच्च न्यायालय के इसी आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।

सीबीआई ने 15 अक्टूबर 2024 को 55 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट पर ट्रायल कोर्ट ने संज्ञान भी लिया था। इस चार्जशीट को आरोपितों की ओर से अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 173 के तहत अधूरा बताया गया था। सीबीआई ने धीरज वधावन और कपिल वधावन (Dheeraj Wadhawan and Kapil Wadhawan) को जुलाई 2024 में गिरफ्तार किया था। इस मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समेत 17 दूसरे बैंकों से करीब 42 हजार करोड़ का लोन लेकर उसे डीएचएफएल दूसरी कंपनियों में अवैध तरीके से ट्रांसफर किए गए। इस काम को अंजाम देने में दोनों आरोपित मुख्य रुप से शामिल थे।