Dhamtari : धमतरी-आई फ्लू के हर रोज 40 से 50 मरीज पहुंच रहे जिला अस्पताल

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धमतरी : प्रदेश समेत धमतरी जिला में भी आई फ्लू के मरीज तेजी से फैल रहा है। बच्चे, बूढ़े समेत सभी वर्ग इससे संक्रमित होकर उपचार कराने जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। सभी वर्ग इसकी चपेट में आ रहे हैं, ऐसे में सावधानी बेहद जरूरी है। बैक्टीरिया के चलते हाथ, सामग्री व मरीज के संपर्क में आने से यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल रहे हैं। पिछले एक सप्ताह से यह संक्रमण धमतरी जिले में पहुंच चुका है, लेकिन अब संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी आई है।

आई फ्लू कंजंक्टिवाइटिस संक्रमण अंचल के लोगों में तेजी से फैलने लगा है, जो लोगों के लिए एक बड़ी मुसीबत बनी हुई है। 25 जुलाई की सुबह जिला अस्पताल धमतरी के नेत्र विभाग में आंख में परेशानी को लेकर उपचार कराने मरीजों की भीड़ लगी हुई थी। जिला अस्पताल धमतरी में पदस्थ नेत्ररोग विशेषज्ञ डा राजेश सूर्यवंशी ने बताया कि आई फ्लू संक्रमण अंचल में एक सप्ताह से पहले आ चुके हैं। पहले कम संख्या में आ रहे थे, लेकिन पिछले दो दिनों से हर रोज आई फ्लू के 40 से 50 मरीज उपचार कराने जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं, जिनका उपचार किया जा रहा है। इस संक्रमण के बढ़ने की आशंका है, ऐसे में स्वस्थ्य लोग इससे बचने के लिए सावधानी जरूर बरतें, ताकि संक्रमण की चपेट में आने से बचें।

नेत्ररोग विशेषज्ञ डा राजेश सूर्यवंशी ने बताया कि आई फ्लू से संक्रमित मरीजों के आंखों में कई तरह के लक्षण सामने आ रहे हैं, जिसमें आंख का लाल होना, आंख में सूजन आ रहा है। आंख गड़ रहा है। आंखों में आंसू आने के साथ आंख के कलर में बदलाव होने लगा है। यह बैक्टीरिया संक्रमित है, जो मरीजों के पास रहने, उनके द्वारा वस्तु को छूने से फैल रहा है। मरीजों के संपर्क में आने से यह फैलने वाला रोग है, ऐसे में यदि घर में कोई इससे संक्रमित है, तो उससे दूरी बनाकर रखें। उनके सामग्री को न छुंए। उनके संपर्क में न आए। हालांकि यह बीमारी तीन से चार दिनों में दवाई लेने के बाद ठीक हो जा रहा है। संक्रमित मरीजों के लिए जिला अस्पताल में पर्याप्त उपचार व दवाई है। संक्रमित लोग डाक्टरों के पास उपचार अनिवार्य रूप से कराएं, ताकि यह संक्रमण आंखों में ज्यादा बढ़ न सके।

स्कूली बच्चे ज्यादा प्रभावित

आई फ्लू मरीजों में सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे शामिल है, क्योंकि संक्रमित बच्चे स्कूल पहुंचने पर उनके संपर्क में कई बच्चे आ रहे हैं। ऐसे में इस तरह के संक्रमण वाले विद्यार्थियों को पालक स्कूल न भेजें। घर में दूरी बनाकर रखें। छोटे बच्चों समेत सभी वर्गाें में यह संक्रमण फैल रहा है। उल्लेखनीय है कि आई फ्लू को देखते हुए कई शासकीय व निजी स्कूलों में आदेश जारी किया गया है कि आई फ्लू से संक्रमित विद्यार्थी स्कूल न पहुंचे, घर में रहकर अपना उपचार कराएं, नहीं तो स्कूलों में फैलने की आशंका है।

पिंक आई के रूप में पहचान

आई फ्लू यानि कंजंक्टिवाइटिस को पिंक आई के रूप में भी जाना जाता है। यह एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो कंजंक्टिवा की सूजन का कारण बनता है। कंजंक्टिवा क्लियर लेयर होता है, जो आंख के सफेद भाग और पलकों की आंतरिक परत को कवर करता है। मानसून के दौरान कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी के कारण लोग बैक्टीरियल, वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं, जो एलर्जिक रिएक्शन और आई इंफेक्शन का कारण बनते हैं।