पिछले वर्ष पूरे यात्रा काल में पहुंचे थे 16 लाख 52 हजार 76 यात्री
सुरक्षित यात्रा के पुख्ता इंतजाम, यात्रा रूट पर सुरक्षा जवान तैनात
देहरादून : (Dehradun) बारिश और बर्फबारी के बावजूद यात्रियों में भारी उत्साह बना हुआ है। केदारनाथ यात्रा बुधवार को यहां श्रद्धालुओं की संख्या 16 लाख 52 हजार के पार पहुंच (Kedarnath Yatra crossed 16.52 lakh on Wednesday) गई, जबकि अभी धाम कपाट बंद होने में 14 दिन का समय बचा है। वर्ष 2024 में पूरे यात्राकाल में 16 लाख 52 हजार 76 यात्री केदार दर्शन के लिए पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी यात्रा मार्गों पर आवश्यक यात्री सुविधाओं और सुरक्षा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। सभी जिम्मेदार अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा जाए। आपातकालीन स्थिति में बिना किसी देरी के राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया जाए।
बुधवार को केदारनाथ धाम में 5614 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। केदार धाम के कपाट आगामी 23 अक्टूबर को भैयादूज के अवसर पर बंद (The doors of Kedarnath will close on October 23rd for Bhaiya Dooj) होंगे। अभी यात्रा 15 दिन और चलेगी। इस प्रकार यहां यात्रियों की संख्या ने नया रिकॉर्ड बनाया है। बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी अब यात्रियों की संख्या बढ़ी है।
प्रदेश सरकार की ओर से श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए सुरक्षित यात्रा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यात्रा मार्ग में सुरक्षा जवानों की तैनाती की गई है। यात्रा मार्ग पर यातायात सुचारू बना रहे, इसके लिए भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर मलबे की सफाई के लिए जेसीबी की व्यवस्था की गई है।
बता दें कि इस वर्ष 30 अप्रैल को गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का आगाज हो गया (Chardham Yatra began this year with the opening of the doors of Gangotri and Yamunotri shrines on April 30th) था। इसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए थे। मानसून सीजन में अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के चलते चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई है। प्रकृति की विनाशलीला में गंगोत्री धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव धराली बुरी तरह तबाह हो गया। मार्ग बुरी तरह तहस-नहस हो जाने से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा को रोकना पड़ा था।
बारिश थमने पर भी यहां यात्रा को बहाल करना बड़ी चुनौती था, लेकिन शासन-प्रशासन की टीमों ने युद्धस्तर पर कार्य कर आम जनजीवन की बहाली के साथ ही यात्रा मार्गों को सुचारू किया। दोनों धामों की यात्रा भी सुरक्षा इंतजामों के साथ शुरू हो गई। प्रशासन की ओर से यात्रियों को अभी भी एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। यात्रियों को बार-बार आगाह किया गया है कि मौसम खराब होने पर यात्रा करने से बचें। यदि यात्रा मार्ग में हैं, तो सुरक्षित स्थान पर शरण लें।