Dehradun : 1.4 करोड़ से अधिक ठगी के मामले में आरोपित गिरफ्तार

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देहरादून : उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर थाना कुमाऊं परिक्षेत्र पुलिस ने शनिवार को साइबर धोखाधड़ी के एक आरोपित को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश का रहने वाला आरोपित सोशल मीडिया साइट्स पर विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफे का लालच देकर लोगों से रुपये जमा करवाता था। एल्टासफंड एप डाउनलोड कराकर पीड़ितों को उनके डेसबोर्ड में अधिक मुनाफे सहित धनराशि दिखाई जाती थी। धोखाधड़ी के लिए दूसरे व्यक्तियों की आईडी से निर्गत सिम कार्ड्स व बैंक खातों का इस्तेमाल करता था। 1.4 करोड़ से अधिक की धनराशि का लेनदेन प्रकाश में आया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि जनपद नैनीताल निवासी पीड़ित ने 18 जून को मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया था कि गत दिनों उन्हें एक व्यक्ति ने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा और स्टाक इंवेस्टमेंट में काफी पैसा कमाने का लालच देकर एल्टासफंड एप्लीकेशन डाउनलोड कर इंवेस्ट करने के लिए बताया। एप्लीकेश में लगभग 90 लाख रुपये धोखे से जमा करा लिया। साइबर अपराधियों ने नए जारी होने वाले शेयर में अधिक मुनाफे का लालच दिया। इसमें निवेश करने पर वादी को कुछ ही दिनों में 90 लाख रुपये मुनाफे सहित दो करोड़ रुपये उनके डेसबोर्ड में प्रर्दशित की गई।

प्रकरण की गंभीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अनावरण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साइबर क्राइम पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बैंक खातों, मोबाइल नंबर, जीमेल तथा वाट्सअप की जानकारी के लिए संबंधित बैंकों, सर्विस प्रदाता कंपनी, मेटा तथा गूगल कंपनियों से डेटा प्राप्त किया तो पता चला कि साइबर अपराधियों ने घटना में दूसरे व्यक्तियों के नाम से आवंटित मोबाइल सिम कार्ड और बैंक खातों का प्रयोग किया है। दिल्ली, गुजरात, कोलकाता, हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के विभिन्न बैंक खातों में धोखाधड़ी कर रुपये प्राप्त की गई है।

पुलिस टीम ने भवती का हेल्थ केयर प्रालि नाम से रजिस्टर्ड फर्म संचालित कर स्थानीय लोगों को इलाज के लिए नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध कराने की आड़ में ट्रेडिंग का धंधा करने वाले मास्टर माइंड निवासी वार्ड नंबर दो अग्रवाल मंडी टटीरी देहात थाना व जनपद बागपत उत्तर प्रदेश को राधा कृष्ण मंदिर रोड स्वरूप नगर दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। साथ ही एक मोबाइल, छह चेकबुक, छह पासबुक, बैंक चेक, छह डेबिट कार्ड, विभिन्न कंपनी के 33 सिम कार्ड, फर्जी मुहर व पेमेंट के लिए प्रयुक्त क्यूआर स्केनर (बेवेक्स बॉक्स) आदि सामान बरामद किया। जांच पड़ताल में मोबाइल में कई ईमेल एकाउंट, बैंक खातों, फर्जी फर्म के नाम, फोटो व दस्तावेज आदि बरामद हुए।

पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसने कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर बैंक खाते खोले हैं जिनका प्रयोग वह खुद भी करता है। गैंग के ऊपरी सदस्यों को बैंक खाते अहमदाबाद गुजरात में उलब्ध कराता था। इसके बदले में प्रत्येक खाते 40 हजार से एक लाख तक की धनराशि कमीशन के रूप में तथा साइबर अपराध के माध्यम से अर्जित धनराशि में भी 10 से 20 प्रतिशत तक का कमीशन प्राप्त किया जाता था। बैंक खातों में लिंक मोबाइल नंबर तथा ईमेल आईडी को इंटरनेट बैंकिट के लिए प्रयोग करता था। आरोपितों के भवतिका हेल्थ केयर प्रालि के नाम से खोले गए खाते के विरुद्ध दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, गुजरात, केरला, महाराष्ट्र के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में 11 ऑनलाइन शिकायत दर्ज है।