Chandigarh : हरियाणा बनेगा पहला कागज रहित डीड पंजीकरण वाला राज्य, 1 नवंबर से लागू

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अब 28 अक्टूबर को प्रदेश के दस जिलों में होगी शुरुआत
चंडीगढ़ : (Chandigarh)
हरियाणा की वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा (Haryana Finance Commissioner Dr. Sumita Mishra) ने घोषणा की कि 1 नवंबर 2025 से राज्य के सभी 22 जिलों में कागज रहित डीड पंजीकरण अनिवार्य होगा। यह डिजिटल शासन की दिशा में परिवर्तनकारी कदम है, जिससे हरियाणा भारत का पहला साै फीसद कागज रहित संपत्ति पंजीकरण वाला राज्य (Haryana the first state in India to have 100% paperless property registration) बनेगा। पारंपरिक जटिल प्रणाली बंद होकर https://eregistration.revenueharyana.gov.in/ पर सरल, पारदर्शी और नागरिक-अनुकूल प्लेटफॉर्म लागू होगा।डॉ.मिश्रा ने बताया कि राजस्व विभाग ने राज्यभर में सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से रणनीति अपनाई है। पहले चरण की शुरुआत मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Chief Minister Nayab Singh Saini) द्वारा 29 सितंबर को कुरुक्षेत्र जिले के बबैन उप-तहसील से किया गया। इसके बाद कागज रहित पंजीकरण का दूसरा चरण 28 अक्टूबर, 2025 से दस और जिलों, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, फरीदाबाद, फतेहाबाद, पलवल, जींद और झज्जर में शुरू होगा। शेष जिलों भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, हिसार, कैथल, नूंह, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा और सोनीपत के लिए तीसरे चरण के तहत 1 नवंबर, 2025 से इस नई प्रणाली को अपना लिया जाएगा।डॉ. मिश्रा ने कहा कि नया ऑनलाइन डीड पंजीकरण पोर्टल संपत्ति पंजीकरण के सभी पहलुओं को एक एकीकृत, उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस में एकीकृत करता है। नागरिक अब सुरक्षित ओटीपी प्रमाणीकरण (secure OTP authentication) के माध्यम से अपनी पहचान पंजीकृत और सत्यापित कर सकते हैं, निर्देशित सहायता से बिक्री विलेख फ़ॉर्म भर सकते हैं, सहायक दस्तावेज़ डिजिटल रूप से अपलोड कर सकते हैं।

हरियाणा सरकार ने इस प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक सिरे चढ़ाने के लिए गुरुवार को सभी जिला पंजीकरण अधिकारियों (डीआरओ) के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया,जिसमें राज्य के सभी छह प्रशासनिक प्रभाग शामिल हुए। ज़मीनी तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए, आईटी प्रभाग के छह सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को विशेष रूप से प्रभागवार तैनात किया गया है। प्रशिक्षण सत्र के दौरान उनके संपर्क विवरण और निर्धारित जिलों की जानकारी डीआरओ के साथ साझा की गई।