Chandigarh : पंजाब के शिक्षा मंत्री को अकाल तख्त ने कड़ी सजा सुनाई, तनखैया करार

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श्रीनगर में गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस कार्यक्रम में हुई थी बेअदबी
चंडीगढ़ : (Chandigarh)
जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर नाच-गाने का कार्यक्रम करवाने के बाद विवादों में घिरे पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस (Education Minister of Punjab Harjot Bains) पर अकाल तख्त साहिब (Akal Takht Sahib) ने कड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने बुधवार को अकाल तख्त साहिब के समक्ष पेश होकर पांच सिंह साहिबानों की मौजूदगी में अपनी गलती स्वीकार करते हुए क्षमा याचना की। इसके बावजूद अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज (Jathedar Giani Kuldeep Singh Gadgaj) ने उन्हें तनखैया करार दिया।

भाषा विभाग पंजाब (Language Department of Punjab) की तरफ से बीती 24 जुलाई को श्रीनगर में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें गायक बीर सिंह (singer Bir Singh) ने गीत गाए थे। इस पर विवाद हुआ तो अगले दिन 25 जुलाई को बीर सिंह अकाल तख्त साहिब के सामने पेश हुए और सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली। बीर सिंह ने कहा कि मैं सीधा ऑस्ट्रेलिया से श्रीनगर पहुंचा था। वहां मोबाइल नेटवर्क बंद हो गया था, जिससे मुझे कार्यक्रम की प्रकृति की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी। जब मंच पर मुझे एहसास हुआ कि यह कार्यक्रम श्री गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत को समर्पित है, तो मैंने तुरंत अपनी गलती स्वीकार की, संगत से माफी मांगी, जूते उतारे और ‘श्लोक महला 9’ का पाठ किया।

अकाल तख्त साहिब पर पेशी के दौरान जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज (Jathedar Kuldeep Singh Gadgaj) ने हरजोत बैंस से कहा कि बीते दिनों श्रीनगर में शहीदी दिवस को लेकर हुए कार्यक्रम में सिख इतिहास का उल्लंघन हुआ। इससे सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं। इस बारे में श्री अकाल तख्त साहिब को कई शिकायतें मिली हैं। जत्थेदार गड़गज ने कहा कि क्या आप स्वीकार करते हैं कि उस कार्यक्रम में गलतियां हुई थी, जिसके जवाब में बैंस ने कहा कि मैं स्वीकार करता हूं कि उस कार्यक्रम में गलतियां हुई थी। जत्थेदार के पूछने पर बैंस ने कहा कि वह उस कार्यक्रम में मौजूद थे। अकाल तख्त जत्थेदार के सवालों का जवाब देते हुए शिक्षा

मंत्री ने कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम को बंद करवाना चाहिए था। यह उनकी गलती है। हरजोत बैंस ने कहा कि अकाल तख्त से ऊपर कुछ नहीं है। उन्हें जो सजा दी जाएगी, वह कबूल होगी। सुनवाई के बाद अकाल तख्त साहिब जत्थेदार ने कहा कि आपको आज से ही गुरुद्वारा गुरुके महल तक गोल्डन टैंपल (Golden Temple to Gurdwara Guruke Mahal) पैदल चलकर जाना होगा। साथ ही उस गुरुद्वारे को जाने वाली सड़कों और गलियों को भी ठीक करवाना होगा और उन सड़कों की साफ-सफाई सुनिश्चित करनी होगी।

जत्थेदार गड़गज ने कहा कि आपको गुरुद्वारा श्री कोठा साहिब से 100 मीटर पहले उतरकर पैदल चलकर जाना होगा और उस रास्ते को सुधारने के लिए कार्य करना होगा। सजा सुनाते हुए जत्थेदार ने कहा कि आपको गुरुद्वारा पातशाही 9वीं बाबा बकाला साहिब में भी 100 मीटर तक पैदल चलकर जाना होगा और उस सड़क को ठीक करवाना होगा, साथ ही उस सड़क की साफ-सफाई का भी ध्यान रखना होगा। जत्थेदार ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब आपको यह सजा सुनाता है कि आपको दिल्ली में गुरुद्वारा शीशगंज साहिब (Gurudwara Sheeshganj Sahib in Delhi) जाना होगा और वहां से श्री आनंदपुर साहिब जाना होगा। दोनों जगह पर नतमस्तक होकर दो दिनों तक जोड़ा घरों में सेवा करनी होगी। साथ ही साथ 1100 रुपये की देग (हलवा प्रसाद) चढ़ाकर अरदास करवाएंगे।

जत्थेदार गड़गज (Jathedar Gadgaj) ने मंत्री बैंस के अलावा रणजीत सिंह को भी सजा सुनाई। जत्थेदार ने कहा कि 11 दिनों तक अपने करीबी गुरुद्वारा में जाकर आपको जोड़ा घर और बर्तन की सेवा करनी होगी। इस पर रणजीत सिंह ने कहा कि मुझे सजा कबूल है। फिर जत्थेदार ने कहा कि इसके बाद 11 दिनों तक पांच बार श्री जपजी साहिब और पांच पार जाप साहिब का पाठ करना होगा। इस पर रणजीत सिंह ने कहा मुझे सजा मंजूर है। जत्थेदार ने आगे कहा कि सेवा पूरी होने के बाद श्री अकाल तख्त साहिब में 1100 रुपये की देग और 1100 रुपये दान पेटी में दान करने होंगे। इसके बाद आपको यहां पर आकर श्री अकाल तख्त साहिब आकर नतमस्तक होना होगा।

इस पर रणजीत सिंह ने कहा कि मुझे सजा मंजूर है। अकाल तख्त साहिब की तरफ से हरजोत सिंह बैंस के अलावा भाषा विभाग के निदेशक जसवंत सिंह जफर (language department Jaswant Singh Zafar) को पांच सिंह साहिबानों के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया गया। जफर विदेश में होने के कारण पेश नहीं हुए और चिट्ठी भेजकर बाद में पेश होने का आग्रह किया। जफर अब 13 अगस्त को पेश होंगे।