राजस्थान के साथ पार्वती-काली सिंध-चंबल लिंक परियोजना का समझौता होने पर जताया मुख्यमंत्री का आभार
भोपाल : मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार के मध्य पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का समझौता बड़ा ऐतिहासिक कदम है। इस समझौते से मध्यप्रदेश के चंबल और मालवा के 13 जिलों की करीब 1.5 करोड़ जनता को सुगमता से पानी मिलेगा और प्रदेश की करीब तीन लाख हेक्टेयर जमीन और सिंचित हो जाएगी। चंबल के सूखे और मालवा के औद्योगिक क्षेत्रों को भरपूर पानी मिल सकेगा। राजस्थान, मध्यप्रदेश और केंद्र सरकार के मध्य हुए त्रिपक्षीय समझौता यह सिद्ध करता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गारंटी पूरी होने की गारंटी हैं। यह परियोजना निश्चित रूप से पश्चिमी मध्यप्रदेश के लिए वरदान सिद्ध होगी। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री शरदेन्दु तिवारी ने राजस्थान और मध्यप्रदेश के मध्य पार्वती-कालीसिंध-चंबल ईआरसीपी लिंक परियोजना के समझौता होने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार जताते हुए कही।
प्रदेश महामंत्री शरदेन्दु तिवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान के मध्य 20 वर्षों से यह परियोजना लंबित थी। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय और दोनों राज्यों के बीच हुए समझौते से परियोजना अब मूर्त रूप ले सकेगी। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के चंबल क्षेत्र के मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और मालवा औद्योगिक बेल्ट वाले इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ जिलों के औद्योगीकरण को और बढ़ावा मिलेगा। चंबल और मालवा अंचलों के धार्मिक और पर्यटन केंद्र भी विकसित होंगे।
गरीबी, बेरोजगारी हटेगी और सुधरेगा लोगों का जीवन स्तर
पार्टी के प्रदेश महामंत्री शरदेन्दु तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप ही 20 वर्षों से लंबित इस परियोजना पर दोनों राज्यों में समझौता हो सका है। यह समझौता सिद्ध करता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गारंटी पूरी होने की गारंटी हैं। इस परियोजना से प्रदेश की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, जैसी समस्याओं का समाधान होगा और प्रदेशवासियों के जीवन स्तर में और सुधार आएगा।