भोपाल : मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने राजधानी के मालीखेड़ी गांव के सरकारी स्कूल के सामने एक सात साल के बच्चे की मौत के साल भर बाद भी जिम्मेदारी तय नहीं होने पर संज्ञान लिया है। मामले में आयोग ने सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकारी, जिला न्यायालय, भोपाल को निर्देशित किया है कि वे मोटरयान दुर्घटना में सात वर्षीय बालक की मृत्यु के संबंध में शासन की योजना/विधि अनुसार विधिक सेवा/सहायता हेतु अपने स्तर पर समुचित कार्यवाही करें।
आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार भोपाल शहर के विदिशा रोड़ स्थित मालीखेड़ी गांव के सरकारी मिडिल स्कूल के बाहर सात साल के एक बच्चे की एक प्रायवेट स्कूल की वैन की टक्कर से मौत हो गई थी। अस्पताल पहुंचने पर स्कूल वाले बोले – बच्चा पैदा कर यहां मरने के लिये क्यों छोड़ जाते हो ? इस घटना को एक साल हो गया है लेकिन स्कूल स्टाफ की जिम्मेदारी अबतक तय नहीं हो सकी है। ऐसी शिकायत बीते मंगलवार को कलेक्ट्रेट, भोपाल में जनसुनवाई के दौरान मृत बच्चे की मां ने कलेक्टर से की थी। मां ने कहा कि लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिये, क्योंकि उनकी लापरवाही के कारण ही उनका बेटा स्कूल से बाहर आ गया था और वैन से टकरा गया था।
मकान में आग लगने से दो बच्चों की मौत
टीकमगढ़ शहर के सेल सागर तालाब के पास बंधान मोहल्ले में बीते सोमवार की सुबह एक मकान में आग लग गई। हादसे में पति-पत्नी सहित दो बच्चे बुरी तरह झुलस गये। उपचार के दौरान दोनों बच्चों की मौत हो गई, वहीं महिला की हालत गंभीर है। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, टीकमगढ़ से प्रकरण की जांच कराकर संबंधित मृत बच्चों के वैध वारिसों को शासन की योजना/नियम अनुसार देय मुआवजा राशि के संबंध में की गई कार्यवाही के बारे में एक माह में जवाब मांगा है।