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Bhopal: मुख्यमंत्री डॉ यादव ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पं. माखनलाल चतुर्वेदी को पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

महाकवि जयशंकर प्रसाद को जयंती पर किया नमन

भोपाल:(Bhopal) आज मंगलवार को देश की आज़ादी की लड़ाई के प्रमुख सूत्रधार, अंग्रेज़ी हुकूमत के ख़िलाफ़ जंग का बिगुल बजाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और साहित्यकार एवं पत्रकारिता को नई दिशा देने वाले पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर पूरा देश उन्हें याद कर नमन कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने भी दोनों महान विभूतियाें को पुण्यतिथि पर स्मरण कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है- महात्मा गांधी। सत्य व अहिंसा के पुजारी, साबरमती के संत, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। बापू की दिखाई राह पर चलकर ही मानवता एवं विश्व का कल्याण होगा। आइये, हम सभी उनके दिखाए सत्य, अहिंसा एवं दया के मार्ग पर चलने का संकल्प लें।

एक अन्य संदेश के माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ यादव ने महान कवि पंडित माखनलाल चतुर्वेदी को पुण्यतिथि पर नमन करते हुए लिखा मुझे तोड़ लेना वनमाली, उस पथ पर देना तुम फेंक। मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जावें वीर अनेक- पं. माखनलाल चतुर्वेदी। मध्यप्रदेश के रत्न, बाबई के लाल, महान कवि, लेखक और पत्रकार, श्रद्धेय पं. माखनलाल चतुर्वेदी जी की पुण्यतिथि पर कोटि-कोटि नमन करता हूँ। राष्ट्रप्रेम से सुवासित आपकी रचनाएँ राष्ट्रीय चेतना का उदात्त स्वर बनकर उभरीं और असंख्य देशवासियों को माँ भारती की सेवा के लिए प्रेरित किया। हिम किरीटिनी,हिमतरंगिनी,पुष्प की अभिलाषा जैसी आपकी अमूल्य रचनाएं सर्वदा साहित्य जगत की समृद्धि का आधार रहेंगी।

महाकवि जयशंकर प्रसाद को जयंती पर किया नमन

महाकवि जयशंकर प्रसाद की आज मंगलवार को जयंती है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने उनकी जयंती पर नमन करते हुए एक्स पर लिखा अरुण यह मधुमय देश हमारा, जहाँ पहुँच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा- जयशंकर प्रसाद। अपनी जीवंत रचनाओं के माध्यम से देशभक्ति एवं जन-जागरूकता का भाव जगाकर मानवीय संवेदना और मूल्यों की स्थापना करने वाले महाकवि जयशंकर प्रसाद जी को उनकी जयंती पर कोटिशः नमन करता हूँ। द्वितीय कवि, जिन्होंने कामायनी एवं चन्द्रगुप्त जैसी कालजयी कृतियों की रचना कर हिंदी साहित्य को समृद्ध किया।

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