भिवंडी : भिवंडी तालुका के शिरोले ग्राम पंचायत के अधिकारियों, सदस्यों और ग्रामीणों ने अनधिकृत पत्थर खदानों और क्रशर मशीनों को तुरंत बंद करने सहित लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं और पर्यावरण के संरक्षण की मांग को लेकर तहसील कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए तहसीलदार को पत्थर की भेंट देकर अनोखा आंदोलन किया जो चर्चा का विषय बन गया है ।
ग्रामीणों ने बताया कि तालुका की मौजे शिरोले ग्राम पंचायत की सीमा में इस वक्त 3 पत्थर की खदानें और 3 क्रशर मशीनें अनधिकृत रूप से चल रही हैं । इन खदानों से पत्थर ढुलाई करने के लिए निकल रहे ट्रक पर कपड़ा न होने से पूरे इलाके में धूल फैल रही है। पत्थरों से निकल रही इन धूल से न सिर्फ खेत बंजर हो रहे हैं, बल्कि घर-घर में आए दिन धूल जमने से लोगों के स्वास्थ को भी हानि पहुंच रही है, जिस से घर के सदस्यों के साथ छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य को बड़ा खतरा पैदा हो गया है। इसी तरह डांबर व खडी के भारी भरकम गाड़ियों की आवाजाही से गांव की सड़कें और रास्ते खराब हो गई हैं। बड़े-बड़े गड्ढे पड़ गए हैं।
इतना ही नहीं इस खदान क्षेत्र में रात के समय ब्लास्टिंग कर पत्थर तोड़ा जाता है, जिससे आवाज के कारण ग्रामीणों को रात भर जागना पड़ता है। इसलिए शिरोले ग्राम पंचायत ने 2 जनवरी 2023 को प्रस्ताव पारित कर इन खदानों व क्रेशर मशीनों को बंद करने के लिए अपनी रिपोर्ट तहसीलदार को सौंपी थी, बावजूद इसके इन खदानों को बंद नहीं किया गया, बल्कि काम और जोरों पर जारी हैं।अनधिकृत तौर पर चल रही इन खदानों को संरक्षण देने वाले संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर उनकी संपत्ति की विभागीय जांच कराई जाने और खदानों को बंद करने की मांग को लेकर सोमवार को शिरोले ग्राम पंचायत की सरपंच लक्ष्मी विष्णु लठड़, उपसरपंच रवीना मानकर व मनसे के बलराम चौधरी सहित ग्राम पंचायत सदस्य व ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय के सामने धरना दिया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तहसील के प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया। उसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने तहसीलदार अधिक पाटिल से मिल कर ज्ञापन सौंपते हुए इस मामले में गंभीर कार्रवाई करने की मांग की हैं।