रामायण में जामवंत ही नहीं श्रीधर कि ही भूमिका हमने निभाई
विक्रम बेताल और अनगिनत धारावाहिक में राजशेखर ने किया अभिनय
भदोही: (Bhadohi) रामायण सीरियल और उसके किरदार साढ़े तीन दशक बाद भी लोगों के दिलो दिमाग़ पर छाए हैं। उन्हीं में एक ‘जामवंत’ की भूमिका निभाने वाले राजशेखर उपाध्याय आज भी दो टीवी सीरियल में अपनी भूमिका निभा रहें हैं। लेकिन उन्हें जामवंत के अभिनय से ही ख्याति मिली।
हालांकि इस चर्चित सीरियल में काम करने वाले कई अभिनेता दिवंगत हो चले हैं। लेकिन उनकी छवि आज भी लोगों के जेहन में जिंदा है।देश के सबसे चर्चित धारावाहिक रामायण के जामवंत यानी राजशेखर उपाध्याय ने में प्रभु श्रीराम की सेना में मंत्री की भूमिका निभाई। आपको वह चौपाई याद होगी… जामवंत मंत्री अति बुढ़ा…। इसी भूमिका से वे काफी चर्चित हुए और उन्हें एक अलग पहचान मिली। रामायण के बाद उन्हें जो ख्याति मिली फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। सागर जी उनका बेहद सम्मान करते थे।
राजशेखर उपाध्याय ने विक्रम बेताल धारावाहिक में काम किया। इस उम्र में भी वह दो सीरियलों में काम कर रहे हैं और उन्हें अच्छी भूमिका और बुलंद आवाज के लिए अभिनय मिलते रहते हैं। वह सोमवार को अपने पैतृक निवास हरिहर गांव पहुंचे हैं। उनकी भाभी का देहावसान हो गया है। इतने चर्चित चेहरे के बाद भी गांव से उनका हमेशा लगाव रहता है। घर में होने वाले हर मांगलिक और अन्य कार्यक्रम में वे पहुंचते हैं। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि अभी वह तो टीवी सीरियल में काम कर रहे हैं, उसकी शूटिंग चल रही है। जल्दी दोनों सीरियल आपको टीवी पर देखने को मिलेंगे।
उन्होंने बताया कि अब देश की एक पीढ़ी युवा हो चुकी है। लेकिन वह रामायण सीरियल बारे में लॉकडाउन से अच्छी तरह परिचित हुई। रामानंद सागर ने रामायण टीवी सीरियल का निर्माण किया था। 78 कड़ियों में सीरियल का प्रसारण दूरदर्शन पर हुआ था। जनवरी 1987 से प्रसारित होकर जुलाई 1988 तक इसका प्रसारण चला था। टीवी सीरियल के इतिहास में रामायण और महाभारत जैसे सीरियल नहीं बन पाए। लॉकडाउन में रामायण का दोबारा प्रसारण किया गया। पूरी दुनिया में सबसे अधिक रामायण को लोगों ने देखा। रामायण पर तो कई सीरियल बने, लेकिन रामानंद सागर ने जो रामायण बनाई, वैसा सीरियल कोई नहीं बना पाया।
राजशेखर उपाध्याय ने रामायण में जामवंत की भूमिका निभाई हालांकि उन्होंने श्रीधर कि भी भूमिका निभाई थी। लेकिन जामवंत की भूमिका उनकी सबसे चर्चित रहीं। उनकी दमदार आवाज ने दर्शकों का मन मोह लिया। इतनी उम्र में भी उनकी जो आवाज बेहद शानदार और बुलंद है। उन्होंने अपने बारे में एक बात बतायी कि जब उनकी उम्र जवां थी, तब उन्हें अभिनेता बनने का सपना देखा था। यह बात जब वे गांव के लोगों से बताते तो लोग कहते कि तू कभी ऐसा नहीं बन पाएगा। लेकिन जब अभिनेता बन कर वह गांव लौटे तो जिन लोगों ने उन्हें ऐसा कहा था वहीं लोग खुद मुंबई से गांव आने पर स्टेशन पर पहुंच उन्हें कंधे पर बिठाया। उनका व्यक्तित्व बेहद सरल है। यह रामायण की शूटिंग की एक-एक दिलचस्प कहानी बताते हैं।