दो साल पहले भोपाल के कलाकारों को बुलवाकर करवाई थी पेंटिंग
बैतूल : जिला अस्पताल प्रबंधन एवं स्वास्थ्य महकमे के पास भले ही मरीजों के लिए अति आवश्यक व्यवस्था जुटाने के लिए फंड की कमी रहती है। लेकिन किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य करवाने, पुराना तोड़कर नया बनाने, किसी भी प्रकार की खरीदी करने पर्याप्त राशि मौजूद रहती है।
दरअसल, यह इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अभी हाल ही में ट्रामा सेंटर में इंक्वारी सेंटर एक साइड से तोड़कर दूसरी साइड बनाया और अब लगभग दो साल पहले ही पेंटरों को बुुलवाकर बनवाई गई पेंटिंग के ऊपर फिर व्हाइट वॉश करवा दिया है। पेंटिंग बनवाने में हजारों रूपए खर्च करने के बाद लगता है अब पेंटिंग देखकर अस्पताल के अधिकारियों-कर्मचारियों का मन भर गया जिसके चलते दो साल के अंदर ही पेंटिंग मिटवा दी। या हो सकता है दीवार को सफेदी चढ़ाकर अब फिर पेंटिंग बनवाने का प्लान हो। लेकिन इन सब से जनता के पसीने की कमाई का जमकर मिसयूज हो रहा है।
जिला अस्पताल भवन के पुराने स्टोर रूम के स्थान पर काविड काल में कोविड वार्ड बनाया गया था। यहां की बाहरी दीवारों मेें लगभग दो साल पाहले ही पेंटरों को बुलवाकर विभिन्न कलाकृतियां बनवाई गई थी। इसमें जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा हजारों रूपए खर्च कर दिए थे। उस समय अस्पताल प्रबंधन द्वारा कहा गया था कि कायाकल्प योजना में अस्पताल को सुंदर दिखाने बाहरी दीवारों पर पेंटिंग करवाई गई। बैतूल के यादव एडवरटाईजिंग द्वारा बाहर के पेंटरों को बुलवाकर आकर्षक और मनमोहक पेंटिंग्स बनवाई गई थी।
पुताई कर के मिटा रहे पेंटिंग
जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा अब पुराने स्टोर रूम भवन की बाहरी दीवारों पर की गई पेंटिंग्स को मिटाया जा रहा है। सभी पेंटिग्स मिटाकर दीवार पर सफेद पुताई की जा रही है। अभी दीवार पर प्राईमर करवाकर पेंटिग्स मिटा दी गई है। अब इसमें दूसरा कलर किया जा रहा है या फिर से पेंटिंग्स बनवाई जाएंगी। इसकी जानकारी देेने वाला कोई नहीं है। जब इस संबंध में संबंधित चिकित्सा अधिकारी से बात करनी चाही, तो वे इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए।