Azamgarh : दो दिवसीय रामायण कान्क्लेव में बोले आचार्य शांतनु, नई पीढी को बनाएं रामायण के अनुरूप

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श्रीराम, लक्ष्मण व सीता मां की झाकियों ने मोहा मन

प्रख्यात कलाकार अरूण गोविल ने झांकियों का किया अवलोकन

रामायण से सम्बंधित संवाद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन

आजमगढ़ : जिले में दो दिवसीय रामायण कान्क्वेलव का भव्य उद्घाटन गुरूवार को हुआ। नगर के हरिऔध कला केंद्र में कॉन्क्लेव का उद्घाटन रामायण सर्किट नई दिल्ली के अध्यक्ष राम अवतार शर्मा, विशिष्ट अतिथि गांगेय हंस, डॉ लवकुश द्विवेदी, डॉ दुर्गा प्रसाद अस्थाना ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन करके किया। इस दौरान विशिष्ट अतिथि गांगेय हंस ने अपने उद्बोधन में कहा कि कलयुग में घर-घर रावण है इसलिए हर घर राम चाहिए।

संवाद सत्र में विशिष्ट अतिथि प्रख्यात कथा वाचक आचार्य शांतनु जी महाराज ने कहा कि राम के बिना मानव का जीवन अधूरा है। राम कथा होने से राम बने या न बने रावण नहीं बनेंगें। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के हिसाब से रामायण को मत बदलिए बल्कि नई पीढ़ी को रामायण के अनुरूप बनाइये।

रामायण कान्क्लेव में रामायण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों का मन मोह लिया। आल्हा सम्राट फौजदार सिंह की लंका दहन की वीर रस की प्रस्तुति ने जोश भर दिया। गणेश वंदना किंग डांस अकादमी की टीम द्वरा प्रस्तुत की गई। राम स्तुति कत्थक के द्वारा प्रत्यक्षा तिवारी ने की। शबरी के राम को धोबिया नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत कर मुन्ना लाल की टीम ने खूब तालियाँ बटोरी।

वहीं डीएवी की एनसीसी टीम एवं श्रीमन व गौरांग द्वारा लव कुश प्रकरण पर प्रस्तुति दी गई। पारंपरिक परिधानों की प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ, जिसमें रामायण के पात्रों का रूप धारण किये प्रतिभागियों ने मनमोह लिया। डॉ संतोष सिंह की टीम द्वारा निर्मित झाकियां देख रामायण की घटनाओं की सजीवता देखने को मिली।

रंगोली, मेहंदी, निबंध प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

वहीं राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में निबंध, चित्रकला एवं मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । इसके साथ ही रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन हरिऔध कला केंद्र में हुआ। प्रतियोगिता में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

प्रख्यात कलाकार अरुण गोविल ने झांकियों का किया अवलोकन

शाम को हरिऔध कला केंद्र में प्रख्यात कलाकार अरुण गोविल ने रामायण सर्किट द्वारा लगाई गई श्री राम वन गमन स्थल प्रदर्शनी एवं फाउंडेशन के कलाकारों द्वारा बनाई गई रामायण की झांकी का अवलोकन किया। यह झांकी उन स्थानों की है जो श्रीराम के काल में पवित्र हुए। कुछ स्थलों पर अब भव्य मंदिर बन गए हैं तो कुछ आज भी हैं उसी रूप में हैं जैसे कल ही श्री राम-जानकी यात्रा कर के गए हों।

इस अवसर पर संयोजक पवन कुमार सिंह, डॉक्टर दुर्गा प्रसाद अस्थाना, डॉ मनोज मिश्र समेत तमाम लोग मौजूद रहे।