बेटे के नाम लेखक जॉन स्टेनबैक का पत्र

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प्यार के अनेक रूप हैं…

नोबेल प्राइज विजेता लेखक जॉन स्टेनबैक द्वारा अपने बेटे को प्यार की बाबत सलाह बतौर लिखा गया यह पत्र बेहद प्रेरणादायी है।

प्रिय थॉम

आज सुबह ही तुम्हारा ख़त मिला… मैं इसका जवाब अपने नजरिए से दूंगा… हां एलेने अपनी तरह से अलग।

पहली बात – यदि तुम्हे प्यार हो गया है, तो यह बहुत अच्छी बात है, किसी इंसान के जीवन में घटने वाली इससे अच्छी और शानदार घटना कोई और नहीं हो सकती है, पर ध्यान रखना किसी को भी यह हक़ मत देना कि वह तुम्हारी निगाह में इसको छोटा या मामूली साबित कर सके।

दूसरी बात – प्यार के एक नहीं अनेक रूप हैं। एक तो ऐसा है जो अपनी अहमियत को सबसे ऊपर रखने के लिए प्यार को स्वार्थी, कुटिल, पूरी तरह अपनी गिरफ्त में ले लेने थाला और अहंकारी बना देता है – यह प्यार का कुरूप और पतनशील चेहरा है। दूसरे रूप – का प्यार जो कुछ भी तुम्हारे अंदर श्रेष्ठ है वह साझा करने वाला होता है – करुणा, अहमियत और सम्मान सब इसमें शामिल होते है। जहां तक सम्मान की बात है, यह सिर्फ सामाजिक तौर पर दिखाने वाला नहीं, बल्कि दूसरे साथी को विलक्षण तथा बहुमूल्य समझने वाला व्यापक सम्मान होना चाहिए। पहले क्रिस्म का प्यार तुम्हें सहज नहीं रहने देगा, छोटा, क्षुद्र और रुग्ण बना देगा। पर दूसरे क्रिस्म का प्यार तुम्हारे अंदर शक्ति, सहस, श्रेष्ठता और यहां तक कि मन के किसी कोने में सुषुप्त अवस्था में उपस्थित विवेक का भी संचार करेगा संभवतः जिसका अब तक तुम्हें भी आभास न रहा हो। तुमने मुझे बताया तुम्हारा प्यार कोई बच्चों का खेल नहीं है तुम इसके बारे में जब इतनी गहराई से सोच – रहे हो तो मेरे यह मानने का कोई आधार नहीं है कि यह गुड्डे-गुड़ियों का खेल है।

पर मुझे यह लगता है तुम मुझसे अपने मन के भावों की बाबत नहीं पूछ रहे हो उनके बारे में तुमसे ज्यादा और भला कोई कैसे जान – सकता है। तुम मुझसे सिर्फ यह पूछ रहे हो कि आगे क़दम कैसे बढ़ाया- जाए और यह मैं तुम्हें बखूबी बता सकता हूं।

इस एक चीज को ऊंचाई के शिखर तक ले जाओ… इसके लिए भरपूर ख़ुशी महसूस करो और शुक्रगुजार भी होओ। प्रेम के शिखर को छूना दुनिया की सबसे खूबसूरत और श्रेष्ठ बात है। इसकी उम्मीदों पर खरे उतरने में कहीं कोई कमी न रह जाए, इसकी जी भर कोशिश करो। यदि तुम किसी से प्यार करते हो तो इसको व्यक्त कर देने में कोई नुकसान नहीं है बस यह ध्यान रखो कि कुछ लोग बहुत शर्मीले और अंतर्मुखी होते हैं… और प्रेम का खुलासा उन्हें असहज न करे। लड़कियों में दूसरों की भावनाओं को भाप लेने का नैसर्गिक गुण होता है, पर वे इसके बारे में तुम्हारी भावनाओं को तुम्हारे मुंह से सुनना चाहती हैं। कई मौकों पर यह भी होता है कि तुम्हारी भावनाओं का समान उत्साह से प्रतिदान किन्ही कारणों से नहीं मिल पाता… इसका अर्थ यह कतई नहीं हुआ कि तुम्हारी भावनाएं कमतर या कम मूल्यवान हैं।

अंत में मैं कहूंगा… कि तुम्हारी भावनाएं मुझ तक पहुंच गई। ये भावनाएं मेरे अंदर है और मुझे बेहद ख़ुशी है कि तुम्हारे अंदर भी विद्यमान हैं। हमें सुसान से मिलकर बहुत खुशी होगी उसका घर में स्वागत है। किसी कारण से असफलता हाथ लगी, तब भी दिल छोटा मत करना। यदि प्यार सच्चा है तो परवान चढ़ेगा ही…. बस इसमें कोई हड़बड़ी मत दिखाना, अच्छी चीजें यूं ही हाथ से जाती नहीं।

प्यार…
पापा

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