अलवर/भरतपुर/धौलपुर : केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शनिवार को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) आभार यात्रा पर निकले। अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिलों में आयोजित सभाओं में शेखावत ने जनता का आभार प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिखाया है कि जिस काम की परिकल्पना और शिलान्यास करो, उसका उद्घाटन भी करो। पांच साल में ईआरसीपी को पूरा कर आपके घरों तक पानी पहुंचाने के लिए हम काम करेंगे। पूर्वी राजस्थान के लिए यह संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी परियोजना जीवनदायनी गंगा के रूप में काम करेगी।
शेखावत ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले मैं आपके बीच में आया था। मैं चाहता था कि जो झूठ का पहाड़ पिछली गहलोत सरकार ने पांच साल में खड़ा किया था, उसे बेनकाब किया जाए। अशोक गहलोत 13 जिलों के 83 विधानसभा क्षेत्रों के साढ़े तीन करोड़ लोगों के प्यासे कंठों पर राजनीति कर रहे थे। मैंने कहा था कि भाजपा सरकार बनने के बाद में एक महीने में ईआरसीपी को धरातल पर लाएंगे। आपने भी 83 में से 48 सीटों पर कमल खिलाकर आशीर्वाद दिया। इसके लिए आप सबका अभिनंदन करता हूं। शेखावत ने कहा कि मुझसे तीन-चार दिन पहले कुछ पत्रकारों ने जयपुर में पूछा था कि ईआरसीपी तो आपने कर दिया, लेकिन यह परियोजना कब पूरी होगी? मैंने उनसे कहा था कि मोदी ने हमें यह सिखाया है कि जिस काम की परिकल्पना और शिलान्यास हम करते हैं, उसका उद्घाटन भी हम ही करते हैं। पांच साल में इस परियोजना को पूरा कर हम घरों तक पानी पहुंचाएंगे। इस परियोजना को तत्काल धरातल पर उतारने के लिए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार भी जताया।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि गहलोत ईआरसीपी को राजनीतिक भस्मासुर की तरह खड़ा कर रहे थे। केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे थे। तब मैं प्रधानमंत्री जी के पास गया। मैंने प्रधानमंत्री जी से निवेदन किया कि तकनीकी कमी राजस्थान पूरा करता नहीं है। बार-बार हमको अपराधी बनाने के लिए झूठ बोलता है। तब प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि कहीं ठहरने की आवश्यकता नहीं है। कुछ नया सोचो और आगे बढ़ो। उन्होंने पीकेसी-ईआरसीपी की राह दिखाई। पीकेसी-ईआरसीपी को कैसे जोड़ सकते हैं? इसको लेकर रुड़की में देश भर के पानी को समझने वाले इंजीनियर को बुलाया। तब यह नया रास्ता निकाला। शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत के लिए राजनीति पहले थी। लोगों की प्यास बुझाना उनकी प्राथमिकता नहीं थी। उन्होंने इस दिशा में किसी तरह का प्रयास नहीं किया। हमने दिल्ली में अनेक बार बैठकें आयोजित कीं। उनमें राजस्थान के अधिकारी स्वीकार करते थे कि तकनीकी खामी को यदि दूर कर दिया जाए तो निश्चित रूप से परियोजना सिरे चढ़ सकती है, लेकिन अशोक गहलोत का उद्देश्य लोगों को राहत पहुंचाना नहीं था। उनका उद्देश्य इसको एक राजनीतिक हथियार के रूप में उपयोग करना था। वो या उनके मंत्री कभी किसी भी बैठक में उपस्थित नहीं हुए। तब मैंने संकल्प किया था कि राजस्थान से कांग्रेस के कुराज को उखाड़ फेंकने के बाद एक महीने के भीतर पूर्वी राजस्थान को ईआईसीपी की सौगात देने के लिए काम करूंगा।
शेखावत ने कहा कि वर्ष 2019 में आपने दोबारा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने का आशीर्वाद दिया। आपकी शुभकामनाओं और आशीर्वाद से राजस्थान के बेटे को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री बनने का सौभाग्यपूर्ण अवसर मोदी ने दिया। मेरे मन में एक कल्पना थी कि पूर्वी राजस्थान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण ईआरसीपी को बनाकर इन 13 जिलों के लोगों का भला किया जा सकता है। उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सकता है। यहां से पलायन को रोका जा सकता है। मैंने कुर्सी पर बैठने के साथ इस दिशा में प्रयास किया। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी लिंक प्रोजेक्ट पर राजस्थान में 45,000 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 13 जिलों (नए 21 जिले) के साढ़े तीन करोड़ लोगों के घरों तक अगले 40-50 साल तक पीने का पानी निर्बाध रूप से पहुंचे, इसको हम सुनिश्चित करेंगे। इस क्षेत्र में 2.8 लाख हेक्टेयर की सिंचाई का रकबा सिंचित होगा। लगभग 30 से ज्यादा छोटे-बड़े तालाब और बांध भरेंगे। मैं वो दिन देख रहा हूं कि 5 साल में जब यह परियोजना पूरी होगी, इन सारे 13 जिलों में जमीन का पानी वापस उसे स्तर पर आ जाएगा, जो आज से 20-30 साल के स्तर पर था।
शेखावत ने कहा कि अशोक गहलोत बार-बार कह रहे थे कि केंद्र सरकार जैसी योजना की बात कर रही है, इसमें पानी कम हो जाएगा, लेकिन मैं आपको बता दूं, जिस ईआरसीपी की परिकल्पना वसुंधरा राजे ने की थी, उसमें राजस्थान को लगभग 3600 एमसीएम पानी मिलता, अब यह जो परियोजना हमने बनाई है, इसमें 3700 एमसीएम पानी मिलेगा। इसके अलावा, बाढ़ के समय में 3000 एमसीएम अतिरिक्त पानी और आ जाएगा। 13 जिलों में एक भी बांध और तालाब खाली नहीं रहेगा। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पीएम मोदी का संकल्प है कि देश के गरीब के घर में परिवर्तन होना चाहिए। उसके घर में खुशहाली आनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने जिन योजनाओं को प्रारंभ किया, आज उनका प्रभाव हमको धरातल पर दिखाई दे रहा है। पिछले 10 साल में मोदी जी के राज में 25 करोड़ लोग गरीबों के रेखा से बाहर आ गए हैं। मैं प्रधानमंत्री की तरफ से आप सबको भरोसा और विश्वास दिलाता हूं कि भारत सरकार किसी भी तरह की कोई कमी इसमें नहीं छोड़ेगी। प्रधानमंत्री के आशीर्वाद में पीकेसी-ईआरसीपी परियोजना का 90 प्रतिशत पैसा भारत सरकार देगी। केवल 10 प्रतिशत पैसा राजस्थान की सरकार को वहन करना पड़ेगा। अगले पांच साल में राजस्थान और पूर्वी राजस्थान की सूरत बदल जाएगी।