अहमदाबाद:(Ahmedabad) मोरबी केबल ब्रिज दुर्घटना केस में ओरेवा कंपनी के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल की जमानत याचिका पर आज हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से महा अधिवक्ता ने केस पर पूर्णविराम लगाने की मांग की थी। मोरबी नगर पालिका के अक्षम होने की वजह से सुपर सीड कराने की उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी थी।
उन्होंने कहा था कि मोरबी केबल ब्रिज निर्माता कंपनी ने मुआवजे की रकम जमा करा दी है। बाकी रकम 14.62 करोड़ रुपये भी जमा करा दिया है। अब सभी की नजर फैसले पर है कि जयसुख को जमानत मिलती है या नहीं। यह हादसा 30 अक्टूबर, 2022 को हुआ था। मोरबी की मच्छु नदी पर बने इस ब्रिज के टूटने से 135 लोगों की जान चली गई थी। इस केस में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसमें मोरबी ब्रिज की मरम्मत और रखरखाव करने वाली ओरेवा कंपनी के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल भी शामिल हैं।
इस पुल के रेनोवेशन पर ओरेवा कंपनी ने दो करोड़ रुपये खर्च किए थे। मरम्मत के पांच दिन बाद यह टूट गया था। हादसे के बाद जयसुख फरार हो गया था। बाद में उसने आत्मसमर्पण कर खुद को कानून के हवाले कर दिया था। उल्लेखनीय है कि देश में सीएफएल और एलडी बल्ब में एक साल की वारंटी की शुरुआत ओरेवा कंपनी ने ही की थी।